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IAEA द्वारा MECR के माध्यम से भारत की NSG सदस्यता की दावेदारी का समर्थन

  • 29 Mar 2025
  • 7 min read

स्रोत: IE

चर्चा में क्यों?

हाल ही में IAEA ने परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (NSG) में भारत को शामिल करने का समर्थन किया है, , जो 4 प्रमुख बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था (MECR) के अंतर्गत एक प्रमुख निकाय है।

बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाएं (MECR) क्या हैं?

  • MECR: MECR स्वैच्छिक ढाँचा हैं जिनका उद्देश्य सामूहिक विनाश के हथियारों (WMD) के प्रसार को रोकना और संवेदनशील प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण को प्रतिबंधित करना है।
    • भारत NSG को छोड़कर 4 MECR में से तीन का सदस्य है।
  • मुख्य विशेषताएँ: वे संयुक्त राष्ट्र (UN) से स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं।
    • उनके नियम केवल सदस्यों पर लागू होते हैं, और भागीदारी स्वैच्छिक है।

4 प्रमुख व्यवस्थाएँ:

  • ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (AG):
    • AG का गठन वर्ष 1985 में 43 देशों के एक अनौपचारिक मंच के रूप में किया गया था, जिसका उद्देश्य रासायनिक और जैविक हथियारों के प्रसार को रोकना था।
    • यह समूह अपने सदस्यों को रासायनिक हथियार सम्मेलन और जैविक एवं विषैले हथियार सम्मेलन का अनुपालन करने में सहायता करता है। 
    • भारत वर्ष 2018 में इसमें शामिल हुआ, जिससे NSG में सदस्यता के लिये उसकी स्थिति मज़बूत हुई तथा वैश्विक अप्रसार उद्देश्यों को आगे बढ़ाया गया।
  • मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR):
    • MTCR, 1987 में स्थापित 35 देशों की एक स्वैच्छिक, अनौपचारिक साझेदारी है, जिसका उद्देश्य व्यापक विनाश के हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइलों और मानव रहित हवाई वाहनों (UAV) के प्रसार को सीमित करना है।
    • यह गैर-सदस्यों को ऐसी प्रणालियों की आपूर्ति को प्रतिबंधित करता है तथा सर्वसम्मति निर्णयों पर आधारित है। 
    • भारत वर्ष 2016 में 35 वें सदस्य के रूप में शामिल हुआ, जिससे उसे उन्नत मिसाइल प्रौद्योगिकियों तक पहुँच प्राप्त हुई। सदस्यों को सैन्य जानकारी साझा करने और निर्यात पर परामर्श करने के लिये बाध्य किया जाता है। 
  • वासेनार व्यवस्था:
    • इसका उद्देश्य पारंपरिक हथियारों और दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण को विनियमित करना है। 
    • अस्थिरता उत्पन्न करने वाले हथियारों के संग्रहण को रोकने के लिये, यह निर्यात नियंत्रण के लिये संवेदनशील उत्पादों की सूची बनाता है तथा यह सुनिश्चित करता है कि स्थानांतरण से सैन्य क्षमताओं में वृद्धि न हो, जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता को खतरा हो सकता है।
    • सदस्य देशों को नियंत्रण लागू करना तथा नियंत्रित वस्तुओं के हस्तांतरण पर रिपोर्ट देना आवश्यक है।
    • भारत वर्ष 2017 में इसमें शामिल हुआ।
  • परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (NSG)
    • NSG का गठन भारत के वर्ष 1974 के परमाणु परीक्षणों के फलस्वरूप किया गया था, जिसका उद्देश्य परमाणु और संबंधित निर्यात को विनियमित करके परमाणु प्रसार को रोकना है। 
    • इसके 48 सदस्य हैं तथा एक ट्रिगर सूची है, जो गैर-परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर करने वाले देशों को कुछ परमाणु वस्तुओं के निर्यात को प्रतिबंधित करती है। 
    • भारत की NSG सदस्यता की कोशिश को चीन ने नकाम कर दिया है, जो NPT से बाहर के देशों के लिये गैर-भेदभावपूर्ण प्रक्रियाओं की मांग करता है तथा पाकिस्तान की अयोग्यता के बावजूद भारत के प्रवेश को पाकिस्तान की सदस्यता से जोड़ता है।

IAEA

  • इसकी स्थापना वर्ष 1957 में परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने तथा परमाणु हथियारों सहित इसके सैन्य उपयोग को रोकने के लिये की गई थी।
  • इसका मुख्यालय वियना, ऑस्ट्रिया में है तथा इसे वर्ष 2005 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • यह संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSG) दोनों को रिपोर्ट करता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स

प्रश्न 1. भारत में, क्यों कुछ परमाणु रिएक्टर “ आई.ए.ई.ए. सुरक्षा उपायों" के अधीन रखे जाते हैं जबकि अन्य इस सुरक्षा के अधीन नहीं रखे जाते ?  (2020)

(a) कुछ यूरेनियम का प्रयोग करते हैं और अन्य थोरियम का 
(b) कुछ आयातित यूरेनियम का प्रयोग करते हैं और अन्य घरेलू आपूर्ति का
(c) कुछ विदेशी उद्यमों द्वारा संचालित होते हैं और अन्य घरेलू उद्यमों द्वारा
(d) कुछ सरकारी स्वामित्व वाले होते हैं और अन्य निजी स्वामित्व वाले

उत्तर: (b)


प्रश्न 2: भारत के संदर्भ में 'अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आई.ए.ई.ए.)' के 'अतिरिक्त नयाचार (एडीशनल प्रोटोकॉल)' का अनुसमर्थन करने का निहितार्थ क्या है? (2018)

(a) असैनिक परमाणु रिऐक्टर आई.ए.ई.ए. के रक्षोपायों के अधीन आ जाते हैं।
(b) सैनिक परमाणु अधिष्ठान आई.ए.ई.ए. के निरीक्षण के अधीन आ जाते हैं।
(c) देश के पास नाभिकीय पूर्तिकर्ता समूह (एन.एस.जी.) से यूरेनियम के क्रय का विशेषाधिकार हो जाएगा।
(d) देश स्वतः एन.एस.जी. का सदस्य बन जाता है।

उत्तर: (a)

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