PMLA, 2002 के दायरे में I4C | 29 Apr 2025

स्रोत: द हिंदू

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साइबर धोखाधड़ी से निपटने और अवैध धन के लेन-देन पर नज़र रखने के लिये, वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) को विशेष रूप से धारा 66 के तहत धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के दायरे में शामिल किया है।

  • भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र: I4C साइबर अपराध के मुद्दों के समाधान के लिये एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र है। 
    • यह गृह मंत्रालय की एक पहल है जिसे वर्ष 2018 में अनुमोदित किया गया एवं वर्ष 2020 में राष्ट्र को समर्पित किया गया। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
    • यह साइबर अपराधों से निपटने के लिये विधि प्रवर्तन एजेंसियों (LEAs) के लिये एक समन्वित एवं व्यापक ढाँचा प्रदान करता है। 
  • PMLA के साथ I4C का एकीकरण: PMLA की धारा 66 सूचना के प्रकटीकरण से संबंधित है।
    • यह निदेशक या निर्दिष्ट प्राधिकारी को स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 के अंतर्गत कर, शुल्क, विदेशी मुद्रा या अवैध तस्करी से संबंधित विधियों के तहत कार्य करने वाले अधिकारियों या निकायों को सूचना प्रदान करने की अनुमति देता है।
    • I4C के एकीकरण का उद्देश्य प्रवर्तन निदेशालय (ED) एवं अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सूचना साझा करके तथा प्राप्त करके वित्तीय जालसाजी पर नज़र रखना तथा अंतर्राष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी की पहचान करना है।

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