हवलदार अब्दुल हामिद | 03 Jul 2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख ने उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर स्थित धामूपुर गाँव का दौरा किया, जो वर्ष 1965 के युद्ध के नायक अब्दुल हमीद का पैतृक गाँव है।
- उन्होंने हामिद पर दो पुस्तकें- 'मेरे पापा परमवीर' और 'भारत का मुसलमान' लिखीं।
- अब्दुल हामिद भारतीय सेना में 4 ग्रेनेडियर्स के एक सैनिक थे, जिन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में असल उत्तर की लड़ाई के दौरान लड़ाई लड़ी और शहीद हो गए।
- असल उत्तर (Asal Uttar) भारत-पाकिस्तान सीमा के पास पंजाब में स्थित है।
- असल उत्तर की लड़ाई वर्ष 1965 के युद्ध के दौरान लड़ी गई सबसे बड़ी टैंक लड़ाइयों में से एक थी, जहाँ भारतीय सेना ने पाकिस्तानी 1 बख्तरबंद डिवीज़न के आक्रमण को ध्वस्त कर दिया था।
- इस लड़ाई के परिणामस्वरूप पाकिस्तानी सेना के 97 पैटन टैंक नष्ट हो गए और एक पूरी पाकिस्तानी बख्तरबंद रेजिमेंट ने आत्मसमर्पण कर दिया।
- हामिद को चीमा गाँव के पास तैनात किया गया था। 10 सितंबर 1965 को उन्होंने 3 पाकिस्तानी टैंक नष्ट कर दिये और चौथे टैंक को निष्क्रिय कर दिया, लेकिन इस प्रक्रिया में वे मारे गए।
- हामिद को उनकी बहादुरी के लिये मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
- उनकी मृत्यु का स्थान अब एक युद्ध स्मारक का हिस्सा है, जहाँ एक कब्ज़ा किया हुआ पाकिस्तानी पैटन टैंक श्रद्धांजलि के रूप में खड़ा है।
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