हज यात्रा | 08 Feb 2023
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने एक नई हज नीति की घोषणा की है जिसके अंतर्गत आवेदन पत्र मुफ्त में उपलब्ध कराए गए हैं तथा प्रति तीर्थयात्री पैकेज लागत में 50,000 रुपए की कमी की गई है।
- 50,000 रुपए की कटौती मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा के मानदंडों में छूट के तौर पर है, पहले एक हज तीर्थयात्री को 2,100 सऊदी रियाल (लगभग 44,000 रुपए) के बराबर राशि जमा करनी पड़ती थी जो हज समिति को विदेशी मुद्रा के लिये प्रदान की जाती थी।
हज यात्रा:
- हज सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का के लिये एक धार्मिक तीर्थयात्रा है, यह उन सभी मुसलमानों हेतु अनिवार्य है जो इसे वहन कर सकते हैं। यह इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक है तथा इसे मुस्लिम धार्मिक जीवन का एक केंद्रीय हिस्सा माना जाता है।
- पाँच स्तंभ:
- शहादा (विश्वास): ईश्वर की एकता में विश्वास की घोषणा और मुहम्मद को अल्लाह के पैगंबर के रूप में स्वीकार करना।
- सलाह (प्रार्थना): मक्का में काबा के सामने पाँच दैनिक प्रार्थनाएँ करना।
- ज़कात (दान): अपने धन का एक हिस्सा ज़रूरतमंद लोगों को देना।
- सावन (उपवास): रमज़ान के महीने के दौरान उपवास।
- हज (तीर्थयात्रा): यदि कोई शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम है तो जीवन में कम-से-कम एक बार पवित्र शहर मक्का की तीर्थयात्रा करना।
- पाँच स्तंभ:
- हज इस्लामिक माह धू अल-हिज्जाह के दौरान होता है और इसमें कई धार्मिक अनुष्ठान शामिल होते हैं।
- धू अल-हिज्जाह इस्लामी कैलेंडर का बारहवाँ और अंतिम माह है। यह इस्लामिक वर्ष के सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है तथा इसे पुनरारंभ (Renewal), आध्यात्मिक विकास के समय के प्रतिबिंब के रूप में देखा जाता है एवं अल्लाह से अधिक निकटता स्थापित करने हेतु एक महत्त्वपूर्ण समय के रूप में माना जाता है।
- हज में भाग लेना मुसलमानों के लिये बहुत गर्व और प्रेरणा की बात होती है क्योंकि इसे अल्लाह के प्रति भक्ति-भाव प्रदर्शित करने और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने का एक तरीका माना जाता है।
भारत द्वारा हज तीर्थयात्रा को बढ़ावा:
- अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत में हज यात्रा संचालित करने वाला नोडल मंत्रालय है।
- भारतीय तीर्थयात्रियों के लिये हज यात्रा या तो हज कमेटी ऑफ इंडिया (HCoI) के माध्यम से आयोजित की जाती है, जो अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक वैधानिक संगठन है या फिर मंत्रालय द्वारा विधिवत रूप से अनुमोदित हज समूह आयोजकों (HGO) के माध्यम से किया जाता है।
- साथ ही हज यात्रा को विभिन्न धार्मिक संगठनों, इस्लामी सांस्कृतिक केंद्रों और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा बढ़ावा दिया जाता है।
- भारत और सऊदी अरब ने हज 2023 हेतु एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। समझौते के अनुसार, कुल 1,75,025 भारतीय हज यात्री (ऐतिहासिक तौर पर सबसे अधिक संख्या) हज करने में सक्षम होंगे।