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गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस
- 25 Nov 2024
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स्रोत: पी.आई.बी.
भारत के राष्ट्रपति ने गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस की पूर्व संध्या पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा मानवता और धार्मिक स्वतंत्रता हेतु उनके बलिदान का स्मरण किया।
- प्रारंभिक जीवन: वर्ष 1621 में अमृतसर में जन्मे गुरु तेग बहादुर को उनके तपस्वी स्वभाव के कारण शुरू में त्यागमल के नाम से जाना जाता था। धार्मिक दर्शन एवं युद्ध कौशल में प्रशिक्षित होने के साथ युद्ध में वीरता के लिये उन्हें "तेग बहादुर" की उपाधि प्रदान की गई।
- गुरु के रूप में योगदान: वर्ष 1664 में गुरु हरकिशन के बाद 9 वें सिख गुरु बने। इन्होंने वर्ष 1665 में आनंदपुर साहिब की स्थापना की तथा समानता, न्याय और भक्ति पर ध्यान केंद्रित करते हुए गुरु ग्रंथ साहिब में 700 से अधिक भजनों का योगदान दिया।
- धार्मिक स्वतंत्रता के समर्थक: इन्होंने औरंगजेब के शासनकाल के दौरान जबरन धर्मांतरण का विरोध किया तथा अपने अनुयायियों के बीच निर्भयता (निरभौ) और सद्भाव (निरवैर) को प्रोत्साहित किया।
- शहीदी दिवस: 24 नवंबर को गुरु तेग बहादुर (जिनकी कश्मीरी पंडितों की रक्षा करने एवं जबरन इस्लाम में धर्मांतरण का विरोध करने के लिये औरंगजेब द्वारा वर्ष 1675 में हत्या की गई थी) के सम्मान में शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- दिल्ली के चांदनी चौक स्थित गुरुद्वारा शीशगंज साहिब, उनके शहीद होने का स्थल है।
सिख धर्म के दस गुरु:
गुरु नानक देव (1469-1539) |
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गुरु अंगद (1504-1552) |
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गुरु अमर दास (1479-1574) |
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गुरु राम दास (1534-1581) |
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गुरु अर्जुन देव (1563-1606) |
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गुरु हरगोबिंद (1594-1644) |
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गुरु हर राय (1630-1661) |
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गुरु हरकिशन (1656-1664) |
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गुरु तेग बहादुर (1621-1675) |
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गुरु गोबिंद सिंह (1666-1708) |
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