ग्रिड-इंडिया को मिनीरत्न कंपनी का दर्जा | 22 Mar 2024
स्रोत: पी.आई.बी.
ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड (ग्रिड-इंडिया) ने भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय से मिनीरत्न श्रेणी-I केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (Central Public Sector Enterprise- CPSE) का दर्जा प्राप्त करके एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है जो विद्युत परिदृश्य में ग्रिड-इंडिया की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।
- वर्ष 2009 में स्थापित, GRID-INDIA भारतीय विद्युत प्रणाली के निर्बाध संचालन की देखरेख करता है, जिससे क्षेत्रों के भीतर और पार कुशल विद्युत हस्तांतरण सुनिश्चित होता है।
- यह 5 रिज़नल लोड डिस्पैच सेंटर (RLDC) और नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (NLDC) के माध्यम से अखिल भारतीय सिंक्रोनस ग्रिड का प्रबंधन करता है, जो विद्युत परिदृश्य में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- GRID-INDIA एकीकृत विद्युत प्रणाली संचालन के लिये विश्वसनीयता, स्थिरता और निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा को प्राथमिकता देते हुए प्रतिस्पर्द्धी विद्युत बाज़ारों का प्रबंधन करता है।
CPSE का वर्गीकरण |
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श्रेणी |
शुरुआत |
मानदंड |
उदाहरण |
महारत्न |
मेगा CPSE को अपने परिचालन का विस्तार करने और वैश्विक अग्रणी के रूप में उभरने की दिशा में सशक्त बनाने के लिये मई, 2010 में CPSE हेतु महारत्न योजना शुरू की गई थी। |
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भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, कोल इंडिया लिमिटेड, GAIL (इंडिया) लिमिटेड आदि। |
नवरत्न |
नवरत्न योजना वर्ष 1997 में उन CPSE की पहचान करने के लिये शुरू की गई थी जो अपने संबंधित क्षेत्रों में तुलनात्मक लाभ उठाते हैं और वैश्विक अग्रणी बनने के उनके अभियान में उनका समर्थन करते हैं। |
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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड आदि। |
मिनीरत्न |
सार्वजनिक क्षेत्र को अधिक कुशल और प्रतिस्पर्द्धी बनाने तथा लाभ अर्जित करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को बढ़ी हुई स्वायत्तता एवं शक्तियों का प्रतिनिधिमंडल प्रदान करने के नीतिगत उद्देश्य से वर्ष 1997 में मिनीरत्न योजना शुरू की गई थी। |
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