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हरित हाइड्रोजन परियोजनाएँ और SEZs

  • 16 Dec 2023
  • 6 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

भारत सरकार वर्तमान नियमों में संशोधन पर विचार कर रही है जो विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) के भीतर हरित हाइड्रोजन के उत्पादन पर केंद्रित नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिये महत्त्वपूर्ण वित्तीय लाभ का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

प्रमुख प्रस्तावित संशोधन क्या हैं?

  • हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिये SEZ का विस्तार: वाणिज्य मंत्रालय विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन पहल को पूरा करने वाले कई गैर-सन्निहित क्षेत्रों में SEZ को अनुमति देने पर विचार कर रहा है।
    • वर्तमान में SEZ को 50 हेक्टेयर या उससे अधिक के सन्निहित भूमि क्षेत्र की आवश्यकता होती है। वाणिज्य मंत्रालय हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिये इस मानदंड में छूट देने के लिये तैयार है।
    • बहु-स्थानीय SEZ की अनुमति देने से डेवलपर्स पवन ऊर्जा का उपयोग करने में सक्षम होंगे जिसके लिये टर्बाइनों को एक दूसरे से काफी दूरी (250 से 400 मीटर) पर रखा जाता है।
  • वित्तीय लाभ के लिये पात्रता: प्रस्तावित संशोधन का उद्देश्य SEZ के भीतर कैप्टिव खपत के लिये उपयोग किये जाने वाले नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों को वित्तीय लाभ देना है।
    • वर्तमान में SEZ नियम केवल SEZ इकाइयों के रूप में स्थापित तथा SEZ के बाहर विद्युत विपणन के लिये स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों के लिये वित्तीय लाभ की अनुमति देते हैं।
      • हालाँकि कैप्टिव उपभोग के लिये उपयोग किये जाने पर नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र लाभ के लिये अयोग्य हो जाते हैं।
  • यदि ये परिवर्तन स्वीकृत हो जाते हैं, तो निर्यात-उन्मुख हरित हाइड्रोजन उद्यमों को हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिये समर्पित नवीकरणीय ऊर्जा सुविधाओं की स्थापना एवं संचालन के लिये कर छूट प्राप्त करने में सक्षम बनाया जाएगा।

नोट: कैप्टिव उपभोग (Captive Consumption) का तात्पर्य उत्पादक इकाई के परिसर के भीतर अथवा निर्दिष्ट क्षेत्र के भीतर बाह्य बाज़ारों में स्थानांतरण अथवा विपणन के बिना वस्तुओं अथवा सेवाओं के उपयोग से है।

विशेष आर्थिक क्षेत्र क्या है?

  • विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) एक भौगोलिक क्षेत्र है जिसमें आर्थिक कानून मौजूद हैं जो देश के घरेलू आर्थिक कानूनों की तुलना में अधिक उदार हैं।
    • श्रेणी 'SEZ' में अधिक विशिष्ट प्रकारों की एक विस्तृत शृंखला शामिल है, जिनमें निम्नलिखित क्षेत्र शामिल हैं, लेकिन यह केवल इन्हीं तक सीमित नहीं हैं:
    • भारत एशिया में निर्यात को बढ़ावा देने में निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र मॉडल की प्रभावशीलता को पहचानने वाले पहले देशों में से एक था, एशिया का पहला EPZ वर्ष 1965 में कांडला, गुजरात में स्थापित किया गया था।
  • भारत में SEZ: विदेशी निवेश बढ़ाने, रोज़गार के अवसर उत्पन्न करने और बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ-साथ निर्यात के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी व निर्बाध वातावरण प्रदान करने के लिये अप्रैल 2000 में भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र नीति की घोषणा की गई थी।
    • भारत के सभी कानून SEZ के अंतर्गत लागू होते हैं जब तक कि SEZ अधिनियम/नियमों के अनुसार विशेष रूप से छूट न दी गई हो।
      • प्रत्येक ज़ोन का नेतृत्व एक विकास आयुक्त करता है और इसे SEZ अधिनियम, 2005 और SEZ नियम, 2006 के अनुसार प्रशासित किया जाता है। 
      • SEZ में विनिर्माण, व्यापार या सेवा गतिविधि के लिये इकाइयाँ स्थापित की जा सकती हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. हरित हाइड्रोजन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2023)

  1. इसे आंतरिक दहन के लिये ईंधन के रूप में सीधे इस्तेमाल किया जा सकता है।
  2. इसे प्राकृतिक गैस के साथ मिलाकर ताप या शक्ति जनन के लिये ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  3. इस वाहन चालन के लिये हाइड्रोजन ईंधन प्रकोष्ठ में इस्तेमाल किया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?

(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन 
(d) कोई भी नहीं

उत्तर: (c)

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