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सरकार ने 14 संयोजन दवाओं पर लगाया प्रतिबंध

  • 06 Jun 2023
  • 5 min read

केंद्र सरकार ने खाँसी, बुखार और संक्रमण के इलाज के लिये आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली 14 फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगाने हेतु एक राजपत्र अधिसूचना जारी की है।

  • प्रतिबंध, जो तत्काल प्रभाव से लागू होता है, इन दवा संयोजनों की प्रभावकारिता का आकलन करने के लिये नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों का पालन करता है। 

FDC दवाएँ:

  • परिभाषा: 
    • केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के अनुसार, FDC उन उत्पादों को संदर्भित करता है जिनमें एक या एक से अधिक सक्रिय तत्त्व होते हैं जो किसी विशेष संकेत के लिये उपयोग किये जाते हैं।
  • प्रतिबंध का कारण:
    • प्रतिबंध विशेषज्ञ समिति और ड्रग्स तकनीकी सलाहकार बोर्ड की सिफारिशों का पालन करता है।
    • समिति ने निष्कर्ष निकाला कि प्रतिबंधित FDC में चिकित्सीय प्रासंगिकता की कमी है और यह मनुष्यों के लिये जोखिम पैदा कर सकता है।

निश्चित खुराक संयोजन (FDC) की चुनौतियाँ:

  • दुष्प्रभाव का खतरा:
    • FDC दवाओं में कई सक्रिय अवयवों के संयोजन से पारस्परिक क्रियाओं का उच्च जोखिम हो सकता है तथा दुष्प्रभाव की संवेदनशीलता बढ़ सकती है।
    • कुछ रोगियों को FDC दवा के एक या एक से अधिक घटकों के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता या एलर्जी का अनुभव हो सकता है जिसे निश्चित संयोजन के कारण पहचानना और प्रबंधित करना कठिन हो सकता है।
    • उदाहरण के लिये एकल FDC दवा में पेरासिटामोल, ब्रोमहेक्सिन, फिनाइलफ्राइन, क्लोरफेनिरामाइन और गुइफेनेसिन के संयोजन से सुस्ती, चक्कर आना और उच्च रक्तचाप जैसे दुष्प्रभावों का खतरा बढ़ सकता है।
  • विनियमन चुनौतियाँ: 
    • एक सूत्रीकरण में कई सक्रिय अवयवों की सुरक्षा और प्रभावकारिता के मूल्यांकन से संबंधित जटिलताओं के कारण FDC दवाओं का विनियमन चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
    • एकल-घटक दवाओं की तुलना में FDC दवाओं की गुणवत्ता नियंत्रण और मानकीकरण सुनिश्चित करना अधिक कठिन हो जाता है।
  • अति प्रयोग और दुरुपयोग:
    • FDC दवाएँ, दवाओं के अति प्रयोग और दुरुपयोग में योगदान कर सकती हैं। मरीज़ अनजाने में कई सक्रिय सामग्रियों का अनावश्यक रूप से या अनुचित संयोजन में सेवन कर सकते हैं, जिससे संभावित स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं।
  • साक्ष्य-आधारित क्लिनिकल डेटा का अभाव:
    • कुछ FDC दवाओं को उनकी प्रभावकारिता और सुरक्षा प्रोफाइल का समर्थन करने वाले सीमित या अपर्याप्त क्लिनिकल साक्ष्य के आधार पर अनुमोदित किया जा सकता है।
    • ठोस वैज्ञानिक डेटा की अनुपस्थिति विशिष्ट चिकित्सा स्थितियों के लिये FDC दवाओं की उपयुक्तता और विश्वसनीयता के बारे में चिंता पैदा कर सकती है।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO):

  • CDSCO ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 के तहत केंद्र सरकार को सौंपे गए कार्यों के निर्वहन के लिये केंद्रीय औषधि प्राधिकरण है।
  • प्रमुख कार्य: 
    • दवाओं के आयात पर नियामक नियंत्रण, नई दवाओं की मंज़ूरी और क्लिनिकल परीक्षण।
    • केंद्रीय लाइसेंस अनुमोदन प्राधिकारी के रूप में कुछ लाइसेंसों का अनुमोदन।
  • ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) 
    • DCGI भारत में रक्त और रक्त उत्पादों, IV तरल पदार्थ, वैक्सीन और सेरा जैसी दवाओं की निर्दिष्ट श्रेणियों के लाइसेंस के अनुमोदन हेतु ज़िम्मेदार है।
    • यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

स्रोत: द हिंदू

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