गोल्डीन | 22 Apr 2024
स्रोत: लाइव मिंट
हाल ही में स्वीडन के शोधकर्त्ताओं ने 'गोल्डीन' नामक पदार्थ विकसित किया है, यह सोने की एकल-परमाणु परत है, जिसका उपयोग हाइड्रोजन उत्पादन, जल शुद्धिकरण, मूल्यवर्द्धित रसायनों के उत्पादन, संचार आदि जैसे विभिन्न अनुप्रयोगों में किया जा सकता है।
- उन्होंने अंधेरे में कार्बन को चुनिंदा रूप से हटाने और सोने को घोलने वाले साइनाइड के गठन को रोकने के लिये प्राचीन जापानी स्मिथिंग (फोर्जिंग आर्ट) तकनीक से प्रेरित होकर मुराकामी के अभिकर्मक के एक संशोधित संस्करण का उपयोग किया।
- शोधकर्त्ताओं ने गोल्डीन बनाने के लिये एक त्रि-आयामी आधार सामग्री का उपयोग किया, जहाँ सोना टाइटेनियम और कार्बन की परतों के बीच अंतर्निहित है।
- परमाणु, आणविक और सुपरमॉलीक्यूलर पैमाने (लगभग 1 से 100 नैनोमीटर) पर पदार्थ के हेरफेर को नैनोटेक्नोलॉजी कहा जाता है। एक नैनोमीटर (nm) एक मीटर का अरबवाँ हिस्सा (10-9) होता है।
- सोने के इस नए रूप में ग्राफीन के समान नियमित सोने की तुलना में अलग गुण हैं।
- उदाहरण के लिये सोना आमतौर पर एक धातु है, लेकिन अगर एक परमाणु परत मोटी हो तो सोना अर्द्धचालक बन सकता है।
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