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स्वर्ण मुद्रीकरण योजना

  • 27 Mar 2025
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (GMS) के कार्य-निष्पादन के आधार पर, केंद्र सरकार ने योजना के मध्यावधि और दीर्घकालिक सरकारी जमा (MLTGD) घटकों को बंद करने का निर्णय किया है। हालाँकि, बैंक अल्पकालिक बैंक जमा (STBD) की  पेशकश जारी रख सकेंगे।

  • इससे पहले सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड (SGB) को भी बंद कर दिया था।
  • GMS: GMS, जिसमें पूर्ववर्ती 'स्वर्ण जमा योजना' और 'स्वर्ण धातु ऋण' योजना शामिल है, की घोषणा 15 सितंबर 2015 को की गई थी। 
    • इसका उद्देश्य सोने के आयात पर देश की दीर्घकालिक निर्भरता को कम करना तथा औपचारिक अर्थव्यवस्था में परिवारों और संस्थानों द्वारा धारित सोने को जुटाना है। 
  • GMS के घटक: 
    • अल्पावधि बैंक जमा (1-3 वर्ष) (परिवर्ती ब्याज दर)
    • मध्यावधि सरकारी जमा (5-7 वर्ष) (2.25% ब्याज दर)
    • दीर्घकालिक सरकारी जमा (12-15 वर्ष) (2.5% ब्याज दर)
  • GMS के अंतर्गत ब्याज दर: MLTGD के लिये ब्याज दर केंद्र सरकार द्वारा RBI के परामर्श से निर्धारित की जाती है, जबकि अल्पावधि जमा के लिये ब्याज दर बैंकों द्वारा निर्धारित की जाती है। 
  • SGB: SGB योजना वर्ष 2015 में वास्तविक सोने की मांग में कमी लाने और घरेलू बचत के एक हिस्से को वित्तीय बचत में रूपांतरित करने हेतु शुरू की गई थी, जिसका उपयोग अन्यथा सोना खरीदने के लिये किया जाता था। 
    • इस योजना के अंतर्गत प्रारंभिक निवेश पर 2.5% की ब्याज दर प्रदान की जाती है, जो निवेशक के बैंक खाते में अर्द्ध-वार्षिक रूप से जमा कर दी जाती है।

और पढ़ें: स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड योजना, वैश्विक स्तर पर स्वर्ण की कीमतों का निर्धारण

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