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वैश्विक प्रकृति संरक्षण सूचकांक 2024

  • 13 Nov 2024
  • 3 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

वर्ष 2024 के वैश्विक प्रकृति संरक्षण सूचकांक (Nature Conservation Index : NCI) में भारत 176 वें स्थान पर है। 180 देशों में से यह किरिबाती (180), तुर्की (179), इराक (178) और माइक्रोनेशिया (177) के साथ सबसे कम रैंक वाले पाँच देशों में से एक है।

  • भारत की निम्न रैंकिंग अकुशल भूमि प्रबंधन और बढ़ती जैव विविधता के खतरों के कारण है।
  • प्रकृति संरक्षण सूचकांक (NCI) के बारे में:
    • इसे बेन-गुरियन बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी के गोल्डमैन सोनेनफेल्ड स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी एंड क्लाइमेट चेंज और जैवविविधता डेटाबेस BioDB.com द्वारा विकसित किया गया है।
    • संरक्षण प्रयासों के मूल्यांकन के लिये पहली NCI अक्तूबर, 2024 में शुरू की गई थी।
    • इसमें चार प्रमुख मानदंडों का मूल्यांकन किया गया है: भूमि प्रबंधन, जैव विविधता को खतरा, क्षमता और शासन, और भविष्य के रुझान।
  • NCI का अवलोकन:
    • भूमि का सतत् उपयोग अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि 53% भूमि का उपयोग शहरी, औद्योगिक और कृषि प्रयोजनों के लिये किया जाता है।
    • यह सूचकांक कीटनाशकों के उच्च उपयोग पर प्रकाश डालता है तथा मृदा प्रदूषण से संबंधित जानकारी प्रदान करता है।
    • समुद्री संरक्षण में सुधार की आवश्यकता है, केवल 0.2% राष्ट्रीय जलमार्ग संरक्षित हैं तथा भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में कोई भी नहीं है।
    • भारत विश्व स्तर पर अवैध वन्यजीव व्यापार करने वाला चौथा सबसे बड़ा देश है, जिसकी वार्षिक बिक्री लगभग 15 बिलियन यूरो है।
    • वनोन्मूलन के परिणामस्वरूप वर्ष 2001 और 2019 के बीच 23,300 वर्ग किलोमीटर वृक्ष क्षेत्र नष्ट हो गया।
    • भारत की पारिस्थितिक संपदा को लगातार अधिक जनसंख्या के कारण खतरा बना रहता है।

और पढ़ें: पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक 2024

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