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जियांट फर्टिलाइज़र बम

  • 29 Oct 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

"प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज़" में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि 3.26 अरब वर्ष पहले एक उल्कापिंड के प्रभाव ने पृथ्वी पर प्रारंभिक जीवन के संदर्भ में एक जियांट फर्टिलाइज़र बम का कार्य किया था।

  • पोषक तत्त्व वितरण: दक्षिण अफ्रीका के उत्तर-पूर्वी भाग में बार्बरटन ग्रीनस्टोन बेल्ट की प्राचीन चट्टानों से उल्कापिंड के प्रभाव के बाद सूक्ष्मजीवों के पुनरुद्धार एवं वृद्धि के साक्ष्य मिले हैं।
    • कार्बनयुक्त कोंड्राइट उल्कापिंड से फाॅस्फोरस और लौह जैसे आवश्यक पोषक तत्त्व मिलने से प्रारंभिक सूक्ष्मजीवों की वृद्धि में सहायता मिली।
  • प्रभाव: 23-36 मील व्यास वाले तथा डायनासोर को नष्ट करने वाले क्षुद्रग्रह से 50-200 गुना बड़े इस उल्कापिंड से व्यापक तबाही हुई।
  • इसके प्रभाव से वाष्प के विशाल बादल बनने के साथ सुनामी की स्थिति होने के परिणामस्वरूप लंबे समय तक अंधकार और गर्मी की स्थिति बनी रही, जिससे उस समय जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
  • प्रारंभिक जीवों का अनुकूलन: प्रारंभिक विनाश के बावजूद इस प्रभाव से उत्पन्न पोषक तत्त्वों से भरपूर वातावरण में सूक्ष्मजीवों को अनुकूलन वाला वातावरण मिला।
  • इस निष्कर्ष से इस धारणा को चुनौती मिलती है कि उल्कापिंड का प्रभाव केवल विनाशकारी रहा है। इसके साथ ही इसमें प्रारंभिक जीवन को बढ़ावा देने में इनकी संभावित भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।

और पढ़ें: दियोदर उल्कापिंड

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