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गंगासागर मेला

  • 16 Jan 2025
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

पश्चिम बंगाल में वार्षिक गंगासागर मेला आयोजित किया जा रहा है, तथा राज्य सरकार ने इस आयोजन के अनुभव को बढ़ाने के लिये कई पहल शुरू की हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • बंधन पहल: तीर्थयात्रियों को तीन भाषाओं में प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।
  • ई-अनुसंधान: मेला सुविधाओं तक पहुँच की प्रणाली।
  • ई-परिचय: लोगों को लापता होने से रोकने के लिये QR कोड वाले पहचान बैंड।

इसके अतिरिक्त, राज्य कई वर्षों से गंगासागर मेले को "राष्ट्रीय मेला" का दर्जा प्रदान करने पर ज़ोर दे रहा है।

गंगासागर:

  • गंगासागर मेला पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप पर गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम पर आयोजित एक वार्षिक धार्मिक उत्सव है। 
  • गंगोत्री से निकलकर गंगा नदी बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है । 
  • मकर संक्रांति के साथ मनाए जाने वाले इस त्यौहार में मोक्ष और आध्यात्मिक उत्थान की प्राप्ति के लिये गंगा में पवित्र स्नान करना, सूर्य देव को अर्घ्य देना तथा दीपदान करना जैसे अनुष्ठान शामिल हैं।
  • इसे कुंभ मेले के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है।
  • इस मेले का ऐतिहासिक उल्लेख महाभारत के वन पर्व और रघुवंश (कालिदास द्वारा) में मिलता है, जिसमें तीर्थयात्रा के 1500-2000 ईसा पूर्व के प्रमाण मिलते हैं, तथा यह ऋषि कपिलमुनि एवं पाल वंश के राजा देवपाल से संबंधित है।

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और पढ़ें: बांग्ला को शास्त्रीय भाषा तथा गंगासागर मेले को राष्ट्रीय मेले का दर्जा देने की मांग

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