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FSSAI द्वारा "100% फलों का रस" के झूठे दावों पर कार्रवाई

  • 17 Jun 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India- FSSAI) द्वारा विनिर्माताओं या खाद्य व्यापार संचालकों (Food Business Operators- FBO) को जारी निर्देश के अनुसार, पुनर्निर्मित रस से तैयार उत्पादों पर "100% fruit juice” (यानी 100% फलों का जूस) के नए दावे को हटा दिया जाना चहिये।

  • पुनर्निर्मित रस, सांद्रित फलों के रस में पुनः जल मिलाकर बनाया जाता है।
  • FSSAI का उद्देश्य उपभोक्ताओं को गुमराह होने से बचाना है, जो यह मानते हैं कि उन्हें शुद्ध एवं बिना मिलावट वाला जूस मिल रहा है।

प्रमुख विनियम:

  • कोई "100% जूस" दावा नहीं: विज्ञापन और दावा विनियमन (2018) के अनुसार, किसी भी फल के रस उत्पाद के लिये ऐसे दावों की अनुमति नहीं है।
  • "पुनर्निर्मित" लेबलिंग: खाद्य उत्पाद मानक एवं योज्य विनियम (2011) के अनुसार पुनर्गठित जूसों में घटक सूची में स्पष्ट रूप से "पुनर्निर्मित" लिखा होना चाहिये।
  • "स्वीटनर पारदर्शिता: 15 ग्राम/किलोग्राम से अधिक पोषक स्वीटनर वाले जूस पर "मीठा जूस" का लेबल लगाया जाना चाहिये।

FSSAI

  • इसकी स्थापना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (2006) के तहत की गई है।
  • यह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय है
  • मिशन: विश्व स्तरीय खाद्य सुरक्षा मानक स्थापित करना,सुव्यवस्थित विनिर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देना तथा खाद्य व्यवसाय नियमों का पालन सुनिश्चित करना।

और पढ़ें: भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI), FSSAI खाद्य सुरक्षा नियमों को सुव्यवस्थित करेगा

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