GIAN योजना का चौथा चरण शुरू | 05 Dec 2023
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
आठ वर्ष की यात्रा के बाद, जिसमें COVID के दौरान एक संक्षिप्त विराम भी शामिल है, शिक्षा मंत्रालय ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स (GIAN) के चौथे चरण को पुनः शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
- इस पहल का उद्देश्य भारतीय विश्वविद्यालयों में पढ़ाने के लिये विश्व भर के प्रतिष्ठित विद्वानों को आमंत्रित करना है।
- राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (NIEPA) ने योजना का मूल्यांकन करने के बाद इसे जारी रखने की सिफारिश की।
ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर एकेडमिक नेटवर्क्स (GIAN) योजना क्या है?
- GIAN भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय (MoE) की एक पहल है, जिसे भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में सहयोग को बढ़ावा देने और शिक्षा तथा अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये निर्मित किया गया है।
- वर्ष 2015 में शुरू की गई GIAN योजना का प्राथमिक उद्देश्य छात्रों और संकाय को दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक एवं उद्योग विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने का अवसर प्रदान करना है।
- GIAN योजना में शामिल होने के लिये पात्रता मानदंड इस प्रकार है:
- भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के संकाय सदस्य।
- विदेशों के वैज्ञानिक और उद्यमी।
- GIAN योजना के तहत प्रस्तुत किये जाने वाले पाठ्यक्रम भारतीय संदर्भ के लिये प्रासंगिक होने चाहिये।
- पाठ्यक्रमों को संबद्ध क्षेत्र के नवीनतम विकास से अवगत कराने के लिये डिज़ाइन किया जाना चाहिये।
- पाठ्यक्रम को प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये डिज़ाइन किया जाना चाहिये।
GIAN योजना की वर्तमान स्थिति क्या है?
- GIAN पाठ्यक्रमों पर सरकार द्वारा किया गया व्यय:
- GIAN कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से केंद्र सरकार ने विदेशी संकाय को समर्थन देने के लिये पर्याप्त 126 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं। इस धनराशि में शिक्षण के लिये यात्रा व्यय तथा मानदेय शामिल है।
- विशेष रूप से प्रत्येक विदेशी संकाय सदस्य को एक सप्ताह के पाठ्यक्रम के लिये USD 8,000 (~ ₹7 लाख) तथा दो-सप्ताह के पाठ्यक्रम के लिये USD 12,000 (~ ₹12 लाख) प्रदान किये जाते हैं।
- शैक्षणिक संस्थानों में पाठ्यक्रमों का वितरण:
- पाठ्यक्रमों में से 39% का वितरण विभिन्न IIIT परिसर तथा दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) परिसरों को किया गया।
- इस वितरण में राज्यीय विश्वविद्यालय, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT), भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC), भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (IISER), प्रबंधन संस्थान, केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के इंजीनियरिंग कॉलेज भी शामिल हैं।
- भौगोलिक विविधता और भविष्य की योजनाएँ:
- भारत का दौरा करने वाले शिक्षाविदों में से 41.4% (668) अमेरिकी थे। इसके बाद यूके, जर्मनी, कनाडा, फ्राँस, इटली, नॉर्डिक देशों, चीन, जापान, ताइवान, आसियान देशों एवं अन्य देशों के विशेषज्ञ थे।
- शिक्षा मंत्रालय ने व्याख्यानों की वीडियो रिकॉर्डिंग को प्रोत्साहित करने और एक ऑनलाइन कंसोर्टियम स्थापित करके कार्यक्रम की पहुँच में वृद्धि की योजना तैयार की है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से कौन-से प्रावधान शिक्षा पर प्रभाव डालते हैं? (2012)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (D) मेन्स:प्रश्न. भारत में डिजिटल पहल ने किस प्रकार से देश की शिक्षा व्यवस्था के संचालन में योगदान किया है? विस्तृत उत्तर दीजिये। (2020) प्रश्न. जनसंख्या शिक्षा के मुख्य उद्देश्यों की विवेचना करते हुए भारत में इन्हें प्राप्त करने के उपायों पर विस्तृत प्रकाश डालिये। (2021) |