फॉरएवर केमिकल्स | 22 Aug 2022
प्रिलिम्स के लिये:प्रति और पॉलीफ्लोरोआकाइल पदार्थ (PFA), फॉरएवर केमिकल्स, भस्मीकरण, सुपरक्रिटिकल वाटर ऑक्सीडेशन, प्लाज़्मा रिएक्टर। मेन्स के लिये:मानव शरीर पर पर्यावरण प्रदूषकों का प्रभाव। |
हाल के एक अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिकों ने पाया है कि दुनिया भर में कई स्थानों से वर्षा जल, पर एंड पॉलीफ्लोरोअल्काइल सबस्टेंस (Per- and Polyfluoroalkyl Substances-PFAs) से दूषित होता है।
- इसके अलावा वातावरण, वर्षा जल और मृदा में लंबे समय तक रहने की प्रवृत्ति के कारण उन्हें फॉरएवर केमिकल्स कहा जाता है।
- स्टॉकहोम कन्वेंशन में PFA भी सूचीबद्ध हैं।
स्टॉकहोम कन्वेंशन
- परिचय:
- यह मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को POPs से बचाने के लिये एक वैश्विक संधि है। POPs ऐसे रसायन हैं जो लंबे समय तक पर्यावरण में बरकरार रहते हैं तथा भौगोलिक तौर पर व्यापक रूप से वितरित हो जाते हैं, जीवित जीवों के वसायुक्त ऊतक में जमा हो जाते हैं एवं मनुष्यों और वन्यजीवों के लिये ज़हरीले होते हैं।
- उद्देश्य:
- सुरक्षित विकल्पों के संक्रमण का समर्थन करना।
- कार्रवाई के लिये अतिरिक्त POPs को लक्षित करना।
- POPs युक्त पुराने स्टॉकपाइल्स और उपकरण की सफाई करना।
- POP-मुक्त भविष्य के लिये मिलकर काम करना।
- भारत ने अनुच्छेद 25 (4) के अनुसार, 13 जनवरी, 2006 को स्टॉकहोम समझौते की पुष्टि की थी जिसने इसे स्वयं को एक डिफ़ॉल्ट "ऑप्ट-आउट" स्थिति में रखने के लिये सक्षम बनाया, ताकि समझौते के विभिन्न अनुलग्नकों में संशोधन तब तक लागू न हो सके जब तक कि सत्यापन/स्वीकृति/अनुमोदन या मंज़ूरी का प्रपत्र स्पष्ट रूप से संयुक्त राष्ट्र के न्यासी/धरोहर स्थान (Depositary) में जमा न हो जाए।
पर एंड पॉलीफ्लोरोअल्काइल सबस्टेंस (PFAs):
- परिचय:
- वे मानव निर्मित रसायन हैं जिनका उपयोग नॉनस्टिक कुकवेयर, जल-विकर्षक कपड़े, दाग-प्रतिरोधी कपड़े, सौंदर्य प्रसाधन, अग्निशामक रूपों और कई अन्य उत्पादों को बनाने के लिये किया जाता है जो ग्रीस, जल तथा तेल का प्रतिरोध करते हैं।
- वे अपने उत्पादन और उपयोग के दौरान मृदा, जल एवं हवा में प्रवेश कर सकते हैं।
- अधिकांश PFAs विघटित नहीं हैं, वे लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं।
- इसके अलावा इनमें से कुछ PFAs लोगों और जानवरों में बन सकते हैं यदि वे बार-बार रसायनों के संपर्क में आते हैं।
- हानिकारक प्रभाव:
- PFA के संपर्क में रहने के कारण कुछ बीमारियों के होने का ज़ोखिम बढ़ जाता है जिसमें प्रजनन क्षमता में कमी, बच्चों में विकासात्मक प्रभाव, शरीर के हार्मोन में हस्तक्षेप, कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि और कुछ प्रकार के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
- हाल के शोध से यह भी पता चला है कि कुछ PFA के लंबे समय तक निम्न-स्तर के संपर्क में विभिन्न बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण के बाद मनुष्यों के लिये एंटीबॉडी का निर्माण करना मुश्किल हो सकता है।
- PFA के संपर्क में रहने के कारण कुछ बीमारियों के होने का ज़ोखिम बढ़ जाता है जिसमें प्रजनन क्षमता में कमी, बच्चों में विकासात्मक प्रभाव, शरीर के हार्मोन में हस्तक्षेप, कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि और कुछ प्रकार के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
रसायनों को दूर करने के तरीके:
- भस्मीकरण:
- PFA को नष्ट करने का सबसे आम तरीका भस्मीकरण है, लेकिन अधिकांश PFA उल्लेखनीय ढंग से अग्नि-प्रतिरोधी हैं। यही कारण है कि उनका उपयोग अग्निशामक फोम में किया जाता है।
- PFA में कार्बन परमाणु से जुड़े कई फ्लोरीन परमाणु होते हैं और कार्बन एवं फ्लोरीन के बीच का बंधन सबसे मज़बूत होता है।
- सामान्यतः बंधन तोड़कर ही किसी चीज़ को जलाया जा सकता है लेकिन फ्लोरीन का कार्बन से बंधन आसानी से नहीं टूटता।
- अधिकांश PFA लगभग 1,500 डिग्री सेल्सियस (2,730 डिग्री फ़ारेनहाइट) के तापमान पर पूरी तरह से टूट जाएंगे, लेकिन यह ऊर्जा गहन है और उपयुक्त भस्मक दुर्लभ हैं।
- सुपरक्रिटिकल जल ऑक्सीकरण:
- PFA को नष्ट करने के लिये वैज्ञानिकों ने सुपरक्रिटिकल वॉटर ऑक्सीडेशन विकसित किया है।
- उच्च तापमान और दबाव के कारण रसायन विज्ञान इस कदर तेज़ हो जाता है जिससे पानी की स्थिति बदल जाती है और खतरनाक पदार्थ नष्ट हो जाते हैं।
- PFA को नष्ट करने के लिये वैज्ञानिकों ने सुपरक्रिटिकल वॉटर ऑक्सीडेशन विकसित किया है।
- प्लाज़्मा रिएक्टर्स :
- शोधकर्त्ता प्लाज़्मा रिएक्टरों के साथ काम कर रहे हैं, जो PFA को तोड़ने के लिये पानी, बिजली और आर्गन गैस का उपयोग करते हैं।
- निस्पंदन प्रणाली:
- वर्षा जल संचयन प्रणाली में सक्रिय कार्बन के साथ निस्पंदन प्रणाली का उपयोग किया जा सकता है।
- सक्रिय कार्बन को नियमित रूप से हटाने और बदलने की आवश्यकता होगी। साथ ही पुरानी दूषित सामग्री को नष्ट करना होगा।
- वर्षा जल संचयन प्रणाली में सक्रिय कार्बन के साथ निस्पंदन प्रणाली का उपयोग किया जा सकता है।
- कई अन्य प्रयोगात्मक तकनीकें हैं जो आशाजनक हैं लेकिन बड़ी मात्रा में रसायनों के उपचार के लिये उनका उपयोग नहीं हुआ है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से भारत के कुछ भागों में पीने के जल में प्रदूषक के रूप में पाए जाते हैं?
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 3 उत्तर: c व्याख्या:
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है। |