इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

मंगल ग्रह पर बाढ़ के प्रमाण

  • 29 Sep 2022
  • 8 min read

वर्ष 2021 में मंगल ग्रह पर उतरे चीन के ज़ूरोंग रोवर को वहाँ भूमिगत परतों के अध्ययन में अरबों साल पहले आई बड़ी बाढ़ के सबूत मिले हैं।

  • रोवर ने अपने लैंडिंग स्थल यूटोपिया प्लैनिटिया, मंगल के उत्तरी गोलार्द्ध में विशाल मैदानों का अध्ययन किया।
  • ये रोवर के रडार इमेजर के पहले परिणाम हैं। रडार से रेडियो तरंगें छोटे आकार और विद्युत आवेश को धारण करने की क्षमता को प्रकट करने के लिये भूमिगत सामग्री को उछाल देती हैं। प्रबल संकेत आमतौर पर बड़ी वस्तुओं को इंगित करते हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • रडार को 80 मीटर तक तरल जल का कोई सबूत नहीं मिला, लेकिन इसने अद्वितीय प्रतिरूप के साथ दो क्षैतिज परतों का पता लगाया।
    • 10 से 30 मीटर गहरी परत में बढ़ती गहराई के साथ परावर्तन संकेत प्रबल होते पाए गए।
    • 30 से 80 मीटर नीचे पुरानी, मोटी परत ने एक-समान प्रतिरूप प्रदर्शित किया।
  • पुरानी परतें (30 और 80 मीटर) शायद तेज़ी से बाढ़ का परिणाम हैं जो तीन अरब वर्ष पहले, मंगल ग्रह पर बहुत अधिक जल गतिविधियों के कारण इस क्षेत्र में तलछटंकी मौजूदगी को दर्शाता है।
  • ऊपरी परत (10 से 30 मीटर गहरी) लगभग 6 अरब वर्ष पहले एक और बाढ़ का परिणाम हो सकती है, जब बहुत अधिक हिमनद गतिविधियाँ रहीं।
  • रडार डेटा यह समझने के लिये पर्याप्त नहीं है कि भूमिगत सामग्री तलछट या ज्वालामुखी अवशेष हैं या नहीं।

ज़ूरोंग रोवर:

  • चीनी पौराणिक देवता अग्नि के नाम पर ज़ूरोंग, वर्ष 2021 में चीन के तियानवेन-1 अंतरिक्षयान द्वारा ले जाया जाने वाला चीन का पहला मार्स रोवर है
  • मिशन के दौरान ज़ूरोंग मंगल के उत्तरी गोलार्द्ध पर यूटोपिया प्लैनिटिया के विशाल बेसिन का पता लगाएगा, जो संभवत: ग्रह के इतिहास के शुरुआती प्रभाव से बना था।
  • लगभग 240 किलोग्राम वजनी, 'ज़ूरोंग' रोवर नासा के स्पिरिट एंड अपॉर्चुनिटी रोवर्स से भारी है, लेकिन पर्सवेरेंस एंड क्यूरियोसिटी (NASA) के वजन का केवल एक-चौथाई है।
  • यह पुनः उपयोग योग्य सौर पैनलों द्वारा संचालित है और सात प्राथमिक उपकरणों- कैमरा, ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार, चुंबकीय क्षेत्र डिटेक्टर एवं मौसम स्टेशन के साथ स्थापित किया गया है।
  • रडार का उद्देश्य प्राचीन जीवन के संकेतों के साथ-साथ उपसतह पर जल की तलाश करना है।

मंगल ग्रह:

  • आकार और दूरी:
    • यह सूर्य से चौथे स्थान पर स्थित ग्रह है तथा सौरमंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है।
    • मंगल ग्रह आकार में पृथ्वी का लगभग आधा है।
  • पृथ्वी से समानता (कक्षा और घूर्णन):
    • मंगल ग्रह सूर्य की परिक्रमा करता है तथा अपने अक्ष पर 24.6 घंटे में घूर्णन करता है जो पृथ्वी के एक दिन (23.9 घंटे) की अवधि के अधिक नज़दीक है।
    • सूर्य की परिक्रमा करते समय मंगल अपने अक्ष पर 25 डिग्री तक झुका रहता है। मंगल का यह अक्षीय झुकाव पृथ्वी के समान होता है, जो कि 23.4 डिग्री पर झुकी होती है।
    • पृथ्वी की तरह मंगल ग्रह पर भी अलग-अलग मौसम विद्यमान होते हैं, परंतु मंगल ग्रह पर पृथ्वी की तुलना में मौसम की अवधि लंबी होती है, क्योंकि मंगल की सूर्य से अधिक दूरी होने के कारण इसका परिक्रमण काल अधिक होता है।
      • मंगल ग्रह पर दिनों को ‘सोल्स’ (सोलर डे- Solar Day) कहते हैं।
  • अन्य विशेषताएँ:
    • मंगल के लाल दिखने का कारण चट्टानों में लोहे का ऑक्सीकरण या जंग लगना और मंगल की धूल है। इसलिये इसे लाल ग्रह भी कहा जाता है।
    • इसमें सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलंपस मॉन्स है।
    • इसके दो छोटे चंद्रमा फोबोस और डीमोस हैं।

विभिन्न मंगल मिशन:

प्रश्न. ‘‘यह प्रयोग तीन ऐसे अंतरिक्षयानों को काम में लाएगा जो एक समबाहु त्रिभुज की आकृति में उड़ान भरेंगे जिसमें प्रत्येक भुजा एक मिलियन किलोमीटर लंबी है और यानों के बीच लेज़र चमक रही होंगी।’’ कथित प्रयोग किसे संदर्भित करता है?

(a) वॉयेजर-2
(b) न्यू होरायज़ंस
(c) LISA पाथफाइंडर
(d) इवोल्वड LISA

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • इवोल्वड लेज़र इंटरफेरोमीटर स्पेस एंटीना (eLISA) अंतरिक्ष में तीन अंतरिक्षयान, एक मूल और दो संबंधित अंतरिक्ष यान में स्थापित करने की योजना है, जो 50 मिलियन किमी से अधिक की दूरी पर सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा में पृथ्वी को पीछे छोड़ते हुए त्रिकोणीय रूप में उड़ान भरेंगे। मूल से लेकर प्रत्येक संबंधित अंतरिक्षयान तक काल्पनिक त्रिभुज की प्रत्येक भुजा की माप लगभग एक मिलियन किमी होगी।
  • eLISA 0.1 मेगाहर्ट्ज़ से लगभग 100 मेगाहर्ट्ज़ तक आवृत्ति रेंज में गुरुत्वाकर्षण तरंगों को मापने का प्रयास करता है। इसे प्राप्त करने के लिये इंटरफेरोमीटर हेतु एक मिलियन किलोमीटर की लंबाई होनी आवश्यक है और यह पृथ्वी आधारित सेटअप के साथ प्राप्त करना असंभव है।

अतः विकल्प (d) सही है।


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

  1. इसे मार्स ऑर्बिटर मिशन भी कहा जाता है।
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत मंगल ग्रह की कक्षा में अंतरिक्षयान भेजने वाला दूसरा देश बन गया।
  3. भारत पहले ही प्रयास में अपने अंतरिक्षयान को मंगल की कक्षा में स्थापित करने में सफल होने वाला एकमात्र देश बन गया।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)

स्रोत: डाउन टू अर्थ

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2