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प्रथम आम चुनाव 1951-52

  • 13 Apr 2024
  • 6 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

जैसे-जैसे भारत में 2024 के आम चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, वैसे ही 1951-52 में हुए देश के पहले लोकसभा चुनाव, इसके ऐतिहासिक महत्त्व की ओर ध्यान आकर्षित करते हैं। यह उद्घाटन चुनाव भारत के लोकतांत्रिक विकास में एक निर्णायक क्षण था।

भारत के पहले आम चुनाव के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • ऐतिहासिक मतदान:
    • स्वतंत्र भारत का पहले आम चुनाव 25 अक्तूबर, 1951 और 21 फरवरी, 1952 के बीच हुए थे।
    • यह एक वृहद प्रक्रिया थी जिसमें विश्व की जनसंख्या का छठा हिस्सा मतदान करने जा रहा था, जिससे यह उस समय दुनिया में आयोजित सबसे बड़ा चुनाव बन गया।
      • अंततः देश भर से (जम्मू-कश्मीर को छोड़कर) 17.32 करोड़ मतदाता मतदान देने के लिये नामांकित हुए, और इनमें लगभग 45% महिलाएँ थीं।
    • 21 वर्ष से अधिक आयु के 176 मिलियन मतदाताओं के साथ (मतदान की आयु 1989 में इकसठवाँ संविधान (संशोधन) अधिनियम, 1989 के पारित होने के साथ केवल 18 वर्ष कर दी गई थी), यह पहली बार था कि सार्वभौमिक मतदान का इतने बड़े पैमाने पर अभ्यास किया गया। वयस्क मताधिकार लागू किया गया था, और इनमें से 82% मतदाता निरक्षर थे।
  • कानूनी ढाँचा:
    • संसद ने मतदाता योग्यता, निर्वाचन मशीनरी और अन्य निर्वाचन प्रक्रियाओं के लिये आधार तैयार करते हुए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और 1951 को अधिनियमित किया।
    • भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) की स्थापना जनवरी, 1950 में की गई थी, जिसमें सुकुमार सेन पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त के तौर पर नियुक्त हुए थे।
  • निर्वाचन मशीनरी:
    • निरक्षर मतदाताओं की सहायता के लिये रंगीन मतपेटियों और 1 रुपए के नोट के आकार के मतपत्रों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया।
      • वर्ष 1951 में भारत की साक्षरता दर कम होने (18.33%) के कारण प्रत्येक उम्मीदवार के लिये अलग-अलग रंग की मतपेटियों का उपयोग करने का विचार आया, लेकिन इसे अव्यवहारिक माना गया। इसके बजाय, सभी बूथों पर प्रत्येक उम्मीदवार के लिये अलग-अलग मतपेटियों का उपयोग करने का निर्णय लिया गया, जिस पर उम्मीदवार का चुनाव चिह्न अंकित होना था।
      • मतपत्र गुलाबी रंग के होने के साथ "भारत निर्वाचन आयोग" और राज्य को दर्शाने वाले दो अक्षरों वाले क्रमांक को शामिल किया गया- जैसे हैदराबाद राज्य के लिये HY, बिहार के लिये BR, असम के लिये AS, आदि।
  • राजनीतिक परिदृश्य और पार्टी की भागीदारी:
    • वहाँ 53 राजनीतिक दल थे जिनमें से 14 राष्ट्रीय थे। इनमें भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी, किसान मज़दूर प्रजा पार्टी और अखिल भारतीय हिंदू महासभा समेत अन्य समूह शामिल थे।
  • चुनाव परिणाम:
    • जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस प्रमुख राजनीतिक बल के रूप में उभरी, जिसने 489 लोकसभा सीटों में से 318 सीटें प्राप्त कीं और सत्तारूढ़ दल के रूप में अपनी स्थिति मज़बूत की।
      • पहले लोकसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of India- CPI) उपविजेता बनकर उभरी, उसके बाद सोशलिस्ट पार्टी और अन्य राजनीतिक दल रहे।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनाें पर विचार कीजिये:

  1. पहली लोक सभा में विपक्ष में सबसे बड़ा राजनीतिक दल स्वतंत्र पार्टी था।
  2. लोक सभा में ‘‘नेता-प्रतिपक्ष’’ को सर्वप्रथम 1969 में मान्यता दी गई थी।
  3. लोक सभा में यदि किसी दल के न्यूनतम 75 सदस्य न हों तो उसके नेता को नेता-प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता नहीं मिल सकती है।

उपर्युत्त कथनाें में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)

  1. भारत का निर्वाचन आयोग पाँच-सदस्यीय निकाय है।
  2. संघ का गृह मंत्रालय, आम चुनाव और उप-चुनावों दोनों के लिये चुनाव कार्यक्रम तय करता है।
  3. निर्वाचन आयोग मान्यता-प्राप्त राजनीतिक दलों के विभाजन/विलय से संबंधित विवाद निपटाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) केवल 3

उत्तर: (d)

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