फिनटेक ओपन हैकथॉन | 17 Feb 2022

नीति आयोग, PhonePe (डिजिटल भुगतान सेवा प्रदाता) के सहयोग से पहली बार सभी के लिये (ओपन-टू-ऑल) फिनटेक ओपन हैकथॉन की मेज़बानी करेगा, जिसका उद्देश्य फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र के लिये पथ-प्रदर्शक समाधान प्रस्तुत करना है।

फिनटेक:

  • फिनटेक 21वीं सदी में उभरते वित्तीय सेवा क्षेत्र का वर्णन करता है।
  • मूल रूप से यह स्थापित उपभोक्ता और व्यापार, वित्तीय संस्थानों के बैक-एंड पर आधारित प्रौद्योगिकी पर लागू होता है।
  • 21वीं सदी के पहले दशक की समाप्ति के बाद से वित्तीय क्षेत्र में किसी भी तकनीकी नवाचार को शामिल करने के लिये इस शब्द का विस्तार किया गया है, जिसमें वित्तीय साक्षरता और शिक्षा, खुदरा बैंकिंग, निवेश, यहाँ तक ​​कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो-मुद्राओं में नवाचार शामिल हैं।

फिनटेक ओपन हैकथॉन:

  • हैकथॉन पूरे भारत में नवप्रवर्तनकर्त्ताओं, डिजिटल रचनाकारों और डेवलपर्स के लिये आदर्श कोड (Ideate and Code) पर विचार करने का अवसर प्रदान करेगा तथा विजेता टीमें 5 लाख रुपए के आकर्षक नकद पुरस्कार जीतने के हकदार होती हैं।
  • हैकथॉन में प्रतिभागियों को निम्नलिखित कार्यों के लिये आधार के रूप में ‘अकाउंट एग्रीगेटर’ जैसे फ्रेमवर्क के साथ ‘फोन-पे पल्स’ जैसे किसी भी ओपन-डेटा एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस) का उपयोग करने की आवश्यकता होती है:
    • वित्तीय समावेशन पर ध्यान देने के साथ उधार, बीमा या निवेश के लिये वैकल्पिक जोखिम मॉडल।
    • वित्तीय सेवाओं को व्यापक रूप से अपनाने हेतु विभिन्न जनसांख्यिकी और भौगोलिक क्षेत्रों के लिये  पावर डेटा संकेतों का उपयोग करने वाले अभिनव उत्पाद।
    • डिजिटल भुगतान डेटा के आधार पर बेहतर विज़ुअलाइज़ेशन और इंटेलिजेंस।
    • प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत एप में उपरोक्त में से कोई एक शामिल होना चाहिये।
  • प्रतिभागी फोनपे पल्स, ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लेटफॉर्म और RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) जैसे डेटा स्रोतों का उपयोग भुगतान पर रिपोर्ट जमा करने हेतु कर सकते हैं।
  • इसके अलावा वे अपने हैक विकसित करने के लिये सेतु एप सैंडबॉक्स या सेतु पेमेंट्स सैंडबॉक्स के साथ-साथ किसी भी अन्य ओपन डेटा प्लेटफॉर्म तक पहुँच सकते हैं, जिसके बारे में वे जानते हैं।  
  • कार्यक्रम के अंत तक प्रतिभागियों को अपने हैक का एक कार्यशील प्रोटोटाइप न्यायाधीशों को प्रस्तुत करना होगा, जिसके बाद प्रत्येक हैक को कुछ मापदंडों के आधार पर आँका जाएगा। 

स्रोत: पी.आई.बी.