डिजी यात्रा सेवाओं का विस्तार | 20 Jun 2024
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में डिजी यात्रा फाउंडेशन के सीईओ ने प्रस्ताव दिया है कि हवाई अड्डों पर उपयोग की जाने वाली डिजी यात्रा तकनीक का उपयोग होटलों एवं ऐतिहासिक स्मारकों जैसे सार्वजनिक स्थलों पर भी किया जा सकता है।
- 'डिजी यात्रा' बायोमेट्रिक इनेबल्ड सीमलेस ट्रैवल एक्सपीरियंस (BEST) आधारित फेशियल-रिकग्निशन तकनीक है।
- इससे हवाई अड्डों पर बायोमेट्रिक्स का उपयोग करके चेक-इन सेवाएँ मिलती हैं जिससे हवाई अड्डों पर कागज़ रहित आवाजाही सुलभ होती है।
- यह नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा समन्वित एक उद्योग-आधारित पहल है।
- वर्ष 2022 में इसकी शुरुआत के बाद से वर्तमान में इसके तहत 14 हवाई अड्डे शामिल हैं तथा वर्ष 2024 के अंत तक 15 अतिरिक्त हवाई अड्डों को इसके तहत शामिल किया जाएगा।
- होटलों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों में डिजी यात्रा के संभावित अनुप्रयोग से पता चलता है कि इसको हवाई क्षेत्र से अतिरिक्त क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है।
- चिंताएँ:
- गोपनीयता का उल्लंघन: इससे सरकार को लोगों के यात्रा पैटर्न के संबंध में जानकारी मिल सकती है।
- डेटा सुरक्षा: इसके तहत यात्रियों के बायोमेट्रिक डेटा को एकत्र किया जाना शामिल है।
- डिजी यात्रा फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी निजी कंपनी है, जिसमें निजी हवाई अड्डों के संघ की 74% हिस्सेदारी तथा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की 26% हिस्सेदारी है।
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