प्रारंभिक परीक्षा
न्यूरोनल विकास में व्यायाम की भूमिका
- 22 Jan 2025
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स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के एक अध्ययन से पता चला है कि व्यायाम न केवल मांसपेशियों को मज़बूत करता है, बल्कि जैव रासायनिक और भौतिक तंत्र के माध्यम से न्यूरॉन वृद्धि को भी बढ़ावा देता है।
नोट: मांसपेशियाँ विशिष्टीकृत ऊतक है जो बल उत्पन्न करती है और गति को सक्षम बनाती है। एक्टिन और मायोसिन जैसे संकुचनशील प्रोटीनों से बनी यह प्रोटीन संकुचन और विश्राम को सुगम बनाती है।
- मानव शरीर में तीन प्रकार की मांसपेशियाँ होती हैं: कंकाल (स्वैच्छिक, धारीदार, गति और मुद्रा को नियंत्रित करती है), हृदय संबंधी (अनैच्छिक, धारीदार, रक्त पंप करती है) और लचीली (अनैच्छिक, गैर-धारीदार, अंग कार्यों को बनाए रखती है)।
अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?
- तंत्रिका-मांसपेशी क्रॉसटॉक: यह अध्ययन उस पारंपरिक दृष्टिकोण को चुनौती देता है कि तंत्रिकाएँ केवल मांसपेशियों को नियंत्रित करती हैं, तथा इससे द्विदिशीय संबंध का पता चलता है:
- इसमें मांसपेशियाँ रासायनिक संकेतों को जारी करके तंत्रिका वृद्धि को बढ़ावा देती हैं, जबकि मांसपेशियों के संकुचन से उत्पन्न यांत्रिक बल तंत्रिका संरचना को बेहतर बनाने और पुनर्जनन में सहायता करते हैं।
- मायोकाइन्स की भूमिका: व्यायाम से मायोकाइन्स के स्राव में वृद्धि होती है, जो मांसपेशियों द्वारा स्रावित होने वाला एक जैव रासायनिक यौगिक है। जो न्यूरोनल विकास (4 गुना तेज़) में महत्त्वपूर्ण रूप से वृद्धि करता है तथा तंत्रिका परिपक्वता एवं कार्यात्मक क्षमताओं में सुधार करता है।
- शारीरिक तनाव और तंत्रिका वृद्धि: मांसपेशी संकुचन के दौरान उत्पन्न शारीरिक बल तंत्रिकाओं को यांत्रिक रूप से उत्तेजित करते हैं, जिससे मायोकाइन एक्सपोजर के बराबर तंत्रिका वृद्धि को बढ़ावा मिलता है।
तंत्रिका तंत्र और न्यूरॉन्स के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- तंत्रिका तंत्र: तंत्रिका तंत्र विद्युत और रासायनिक संकेतों का उपयोग करके शरीर के अंगों के बीच संचार की सुविधा प्रदान करता है जिससे आंतरिक एवं बाह्य परिवर्तनों के प्रति प्रतिक्रिया सक्षम होती है।
- प्रकार और कार्य: इसके दो मुख्य घटक हैं: केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) और परिधीय तंत्रिका तंत्र (PNS)।
- CNS में मस्तिष्क (यह शरीर के कार्यों और चेतना को नियंत्रित करता है) और रीढ़ की हड्डी ( इससे शरीर में संकेत प्रेषित होते हैं) शामिल हैं।
- PNS में CNS के बाहर की सभी तंत्रिकाएँ शामिल होती हैं और इसे स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (जो हृदय गति एवं पाचन जैसे अनैच्छिक कार्यों को नियंत्रित करता है) और दैहिक तंत्रिका तंत्र (जो स्वैच्छिक गतिविधियों और संवेदी इनपुट को नियंत्रित करता है) में विभाजित किया जाता है।
- न्यूरॉन्स: न्यूरॉन्स (जिन्हें न्यूरॉन्स या तंत्रिका कोशिकाएँ भी कहा जाता है) मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र की मूलभूत इकाइयाँ हैं।
- बाहरी वातावरण से संवेदी इनपुट प्राप्त करने, हमारी मांसपेशियों को मोटर कमांड भेजने तथा बीच में हर कदम पर विद्युत संकेतों को बदलने और रिले करने के लिये ज़िम्मेदार कोशिकाएँ हैं। प्रत्येक न्यूरॉन के तीन मुख्य भाग होते हैं:
- डेन्ड्राइट्स: यह अन्य न्यूरॉन्स या संवेदी रिसेप्टर्स से आने वाले संकेतों को प्राप्त करते हैं।
- एक्सॉन: यह विद्युत आवेगों को कोशिका से अन्य न्यूरॉन्स या मांसपेशियों तक ले जाता है।
- एक्सॉन टर्मिनल: इससे न्यूरोट्रांसमीटर द्वारा अन्य कोशिका तक संकेत भेजने में भूमिका निभाई जाती है।
- न्यूरॉन्स एक दूसरे के साथ सिनेप्स के माध्यम से समन्वय करते हैं जहाँ न्यूरोट्रांसमीटर कोशिकाओं के बीच की दूरी को कम करते हैं।
- बाहरी वातावरण से संवेदी इनपुट प्राप्त करने, हमारी मांसपेशियों को मोटर कमांड भेजने तथा बीच में हर कदम पर विद्युत संकेतों को बदलने और रिले करने के लिये ज़िम्मेदार कोशिकाएँ हैं। प्रत्येक न्यूरॉन के तीन मुख्य भाग होते हैं:
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