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सशस्त्र बलों में महिलाओं हेतु समान लाभ

  • 15 Nov 2023
  • 5 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों में महिला सैनिकों, नौसैनिकों और वायु सैनिकों के लिये उनके अधिकारी समकक्षों के समान मातृत्व, शिशु देखभाल तथा शिशु गोद लेने की छुट्टियों के नियमों में विस्तार के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।

  • यह निर्णय समावेशी भागीदारी के दृष्टिकोण को दर्शाता है तथा यह सुनिश्चित करता है कि सशस्त्र बलों में सभी महिलाओं को रैंक की परवाह किये बिना समान लाभ प्राप्त हों।

नोट:

  • अब तक भारतीय वायु सेना या नौसेना में कोई महिला वायु सैनिक या नाविक नहीं थी। सरकार द्वारा वर्ष 2022 में शुरू की गई अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के बाद दोनों सेनाओं ने महिलाओं को अपने रैंक में शामिल करना शुरू कर दिया।
    • सेना ने शुरुआत में वर्ष 2019 में महिलाओं को सैन्य पुलिस कोर (CMP) में शामिल किया था, और अब उन्हें CMP में अग्निवीरों के रूप में शामिल किया गया है।

नए प्रस्ताव के क्या लाभ हैं?

  • चार वर्ष की अवधि के बाद योग्यता के आधार पर चुने गए 25% अग्निवीरों में से केवल महिलाएँ ही मातृत्व एवं परिवार से संबंधित विस्तारित लाभों के लिये पात्र हैं।
    • अग्निपथ योजना के अनुसार, इन महिलाओं को अपने चार वर्ष का कार्यकाल पूरा करने तक शादी की अनुमति नहीं है।
  • यह नया प्रस्ताव सभी महिलाओं के लिये, चाहे वह अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक की, मातृत्व, शिशु देखभाल और शिशु गोद लेने की छुट्टियों के नियमों का विस्तार करेगा।
  • सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को वर्तमान में 180 दिन का मातृत्व अवकाश, 360 दिन का शिशु देखभाल अवकाश तथा 180 दिन का शिशु गोद लेने का अवकाश प्रदान किया जाता है।
    • ये लाभ अब महिला सैनिकों, नौसैनिकों तथा वायु सैनिकों पर भी लागू होंगे।
  • छुट्टी नियमों के विस्तार से सशस्त्र बलों से संबंधित महिला को विशिष्ट पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों के समाधान में अत्यधिक सहायता मिलेगी।
    • इससे उनकी कार्य स्थितियों में भी सुधार होगा तथा अपने पेशेवर एवं पारिवारिक जीवन को बेहतर ढंग से संतुलित करने में मदद मिलेगी।

अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना क्या है?

  • परिचय:
    • अग्निपथ, देशभक्त युवाओं को सशस्त्र बलों में सेवा करने की अनुमति देता है।
    • प्रतिभागियों, जिन्हें अग्निवीर कहा जाता है, का कार्यकाल 4 वर्ष का है, जिसमें लगभग 45,000 से 50,000 सैनिकों की वार्षिक भर्ती की जाएगी।  
      • चार वर्षों के बाद बैच के केवल 25% कर्मियों को ही उनकी संबंधित सेवाओं में 15 वर्ष के सेवा विस्तार के लिये चुना जाता है।
  • पात्रता मापदंड:
    • अग्निपथ योजना विशेष रूप से अधिकारी रैंक से नीचे के गैर-कमीशन कर्मियों पर लागू होती है। 
      • सेना में सर्वोच्च पद कमीशन अधिकारी का होता है। वे भारतीय सशस्त्र बलों में एक विशेष रैंक रखते हैं। वे अक्सर राष्ट्रपति की संप्रभु शक्ति के अधीन आयोग में कार्य करते हैं तथा उन्हें आधिकारिक तौर पर देश की रक्षा करने का निर्देश दिया जाता है।
    • इस योजना में 17.5 से 23 वर्ष के बीच के उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र होंगे।
  • अग्निवीरों के लिये लाभ:
    • 4 वर्ष की सेवा पूरी होने पर अग्निवीरों को 11.71 लाख रुपए की एकत्रित 'सेवा निधि' प्रदान की जाएगी, जिसमें अर्जित ब्याज भी शामिल होगा।
    • साथ ही उन्हें चार वर्ष के लिये 48 लाख रुपए की जीवन बीमा सुरक्षा भी मिलेगी।
    • मृत्यु के मामले में 1 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया जाएगा, जिसमें सेवा की शेष अवधि का वेतन भी शामिल होगा। 
    • चार वर्ष बाद नौकरी छोड़ने वाले सैनिकों के पुनर्वास में सरकार मदद करेगी। उन्हें कौशल प्रमाणपत्र और ब्रिज कोर्स उपलब्ध कराया जाएगा।
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