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सगोत्रीय विवाह

  • 07 Mar 2025
  • 2 min read

स्रोत: बीएल

एक अध्ययन में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि किस प्रकार सगोत्रीय विवाह ने भारत में जनसंख्या-विशिष्ट आनुवंशिक रोगों और औषधि चयापचय में विविधताओं में योगदान दिया है।

  • अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष: भारतीय समुदायों में अंतःप्रजनन (आनुवांशिक रूप से निकट रूप से संबंधित व्यक्तियों का प्रजनन) के कारण आनुवंशिक विकारों की व्यापकता अधिक पाई गई।
    • उदाहरण के लिये, आंध्र प्रदेश के रेड्डी समुदाय में एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (गठिया का एक प्रकार) की उच्च घटना पाई जाती है।
  • सगोत्रीय विवाह (Endogamy): पहचान, धन और परंपराओं को बनाए रखने के लिये एक विशिष्ट जातीय, सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक या जनजातीय समूह के भीतर विवाह करने की प्रथा, बहिर्विवाह के विपरीत, जिसमें अपने सामाजिक समूह के बाहर विवाह करना शामिल है।
  • अंतर्जातीय विवाह के नकारात्मक प्रभाव:
    • सीमित जीन पूल: अंतर्विवाही समूहों में कम आनुवंशिक विविधता बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों के प्रति अनुकूलनशीलता को सीमित करती है।
    • सामाजिक परिणाम: इससे सम्मान के नाम पर हत्याएँ और कठोर जाति-आधारित पदानुक्रम जैसी प्रतिबंधात्मक सामाजिक प्रथाओं को बढ़ावा मिलता है।

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