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रोज़गार डेटा संग्रहण तंत्र

  • 30 Jul 2024
  • 2 min read

स्रोत : द हिंदू

केंद्र सरकार वर्ष 2023-24 के आर्थिक सर्वेक्षण में उजागर की गई चिंताओं के बाद, रोज़गार के रुझानों पर व्यापक डेटा की कमी पर चिंताओं को दूर करने के लिये सभी मंत्रालयों के सहयोग से एक रोज़गार डेटा संग्रह तंत्र (EDCM) बनाने के लिये तैयार है। 

  • EDCM का उद्देश्य रोज़गार डेटा में सुधार करना और रोज़गार, बेरोज़गारी, वेतन हानि तथा नौकरी छूटने के आँकड़ों में अंतर को दूर करना है। 
  • सरकार रोज़गार को बढ़ावा देने के लिये श्रम, रसद, बुनियादी ढाँचे और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में सुधार कर रही है। पीएम गति शक्ति, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएँ, भारतमाला और सागरमाला एवं रोज़गार से जुड़ी प्रोत्साहन पैकेज जैसी पहलों का उद्देश्य रोज़गार उत्पन्न करना है। 
    • देश की कामकाजी आबादी वर्ष 2021-31 से प्रति वर्ष 9.7 मिलियन और वर्ष 2031-41 से प्रति वर्ष 4.2 मिलियन बढ़ने की उम्मीद है। 
    • केंद्रीय बजट 2024-2025 में प्रधानमंत्री पैकेज के तहत तीन "रोज़गार से जुड़ी प्रोत्साहन" योजनाओं सहित रोजगार और कौशल योजनाओं के लिये 2 लाख करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं। 
      • ये योजनाएँ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में नामांकन पर ध्यान केंद्रित करती हैं और नए कर्मचारियों तथा उनके नियोक्ताओं के लिये प्रोत्साहन प्रदान करती हैं। इन योजनाओं से रोज़गार में प्रवेश करने वाले कुल 290 लाख युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।
  • केंद्र और राज्य सरकारों के पास प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजन के लिये विभिन्न कार्यक्रम तथा परियोजनाएँ हैं, लेकिन अभी तक रोज़गार सृजन का अनुमान लगाने हेतु  उनका प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं किया गया है।

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