कैटरपिलर में इलेक्ट्रोरिसेप्शन | 29 May 2024

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में किये गए एक शोध से यह ज्ञात हुआ है कि कैटरपिलर अपने शरीर पर उपस्थित बाल जैसी संरचना शूक (setae) के माध्यम से विद्युत क्षेत्र का पता लगा सकते हैं, इस अनुकूलन को विद्युतभान या इलेक्ट्रोरिसेप्शन के रूप में जाना जाता है।

  • यह संवेदी क्षमता मुख्य रूप से जलीय और उभयचर प्रजातियों में पाई जाती है, लेकिन अब इसे स्थलीय कीटों में भी देखा गया है।
  • विद्युतभान (Electroreception) कैटरपिलर को ततैयों (Wasps) जैसे कीटों के फड़फड़ाते पंखों से उत्पन्न दोलनी विद्युत क्षेत्र के बारे में अवगत कराता है तथा यह विशेषता उन्हें निकटवर्ती शिकारियों की पहचान करने में सक्षम बनाती है।
  • यह संवेदी क्षमता संभवतः तीव्र शिकार के प्रति उद्विकासी प्रतिक्रिया के रूप में विकसित हुई है, जो कैटरपिलर द्वारा प्रयुक्त अन्य संवेदी सुरक्षाओं की पूरक है।
  • "संवेदी प्रदूषण" (sensory pollution) के संभावित हस्तक्षेप, जैसे कि विद्युत तारों की विद्युत चुंबकीय आवृत्तियाँ, इस नाजुक संवेदनशील प्रक्रिया को बाधित कर सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनके अस्तित्व के लिये एक नई चुनौती उत्पन्न हो सकती है।