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‘दुआरे राशन' योजना: पश्चिम बंगाल

  • 17 Nov 2021
  • 4 min read

हाल ही में पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य की पूरी आबादी के लिये ‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली’ (PDS) के तहत खाद्यान्न उपलब्ध कराने हेतु 'दुआरे राशन' (घर के दरवाज़े पर राशन) योजना शुरू की है।

  • लोगों को राशन कार्ड के लिये आवेदन करने में मदद हेतु एक मोबाइल एप्लीकेशन- ‘खाद्य साथी: अमर राशन मोबाइल एप’ भी लॉन्च किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • योजना के तहत डीलर लाभार्थियों के घर तक राशन पहुँचाएंगे।
  • राज्य में लगभग 21000 राशन डीलर हैं और सरकार प्रत्येक डीलर को डिलीवरी वाहन खरीदने के लिये 1 लाख रुपए की सब्सिडी प्रदान करेगी।
  • राशन डीलरों को दो सहायकों की भर्ती करने की भी अनुमति होगी, जिनके 50 प्रतिशत वेतन का भुगतान राज्य द्वारा किया जाएगा।
  • प्रत्येक वाहन को पड़ोस में सुविधाजनक स्थान पर खड़ा किया जाएगा ताकि निवासियों को राशन लेने के लिये 500 मीटर से अधिक चलने की आवश्यकता न हो।
  • इससे राज्य के करीब 10 करोड़ लोगों को फायदा होने की उम्मीद है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली

  • यह भारत में समाज के गरीब वर्गों को भोजन, अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुएँ प्रदान करने संबंधी सरकार द्वारा प्रबंधित एक प्रणाली है।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत स्थापित ‘उचित मूल्य की दुकानों’ (FPS) या राशन की दुकानों की एक शृंखला के माध्यम से खाद्य और कुछ गैर-खाद्य पदार्थ रियायती दर पर उपलब्ध कराए जाते हैं।
  • इस प्रणाली का प्रबंधन उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
  • राज्य और केंद्र सरकारें गरीबी रेखा के नीचे तथा इससे ऊपर के समुदायों के लिये कम कीमत पर खाद्यान्न व अन्य आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराने हेतु काम करती हैं।
    • केंद्र सरकार संसाधनों की खरीद, संरक्षण, परिवहन और आवंटन हेतु उत्तरदायी है।
    • राज्य सरकार कार्ड और दुकानों के माध्यम से इन राशनकार्ड धारकों की पहचान और उपलब्धता का एक नेटवर्क स्थापित करना सुनिश्चित करती है।
    • केंद्र सरकार, किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खाद्यान्न खरीदती है और इसे केंद्रीय निर्गम मूल्य पर राज्यों को बेचती है।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वर्तमान में वितरण के लिये राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को गेहूँ, चावल, चीनी और मिट्टी तेल जैसी वस्तुओं का आवंटन किया जा रहा है।
  • कुछ राज्य/केंद्रशासित प्रदेश ‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली’ आउटलेट्स के माध्यम से बड़े पैमाने पर खपत की अतिरिक्त वस्तुओं जैसे- दालें, खाद्य तेल, आयोडीनयुक्त नमक, मसाले आदि का वितरण भी करते हैं।
  • ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, (NFSA) 2013’ कानूनी रूप से 75% ग्रामीण आबादी और 50% शहरी आबादी को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत रियायती खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकार देता है।
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