औषधि प्रतिरोधी टाइफाइड | 22 Jun 2022

प्रिलिम्स के लिये:

टाइफाइड और स्ट्रेन। 

मेन्स के लिये:

स्वास्थ्य। 

चर्चा में क्यों? 

द लैंसेट माइक्रोब जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, टाइफाइड बुखार का कारण बनने वाले बैक्टीरिया व्यापक रूप से उपयोग किये जाने वाले एंटीबायोटिक औषधियों के प्रति अधिक प्रतिरोधी होते जा रहे हैं। 

  • टाइफाइड बुखार के कारण 11 मिलियन लोग संक्रमण का शिकार होते हैं और प्रति वर्ष 1,00,000 से अधिक लोगों की मौतें होती हैं। वैश्विक बीमारी के भार में दक्षिण एशिया का 70% हिस्सा है।

टाइफाइड

  • परिचय: 
    • टाइफाइड बुखार एक जानलेवा संक्रमण है जो साल्मोनेला एंटरिका सेरोवर टाइफी (आमतौर पर साल्मोनेला टाइफी के रूप में जाना जाता है) जीवाणु के कारण होता है जो केवल मनुष्यों द्वारा संक्रमण किया जाता है अभी तक कोई अन्य पशु वाहक नहीं मिला है।  
  • संक्रमण: 
    • टाइफाइड बुखार मल-मौखिक मार्ग से, दूषित भोजन या जल के अंतर्ग्रहण के माध्यम से फैलता है। 
    • उपचार के बिना ही 20 में से लगभग एक व्यक्ति टाइफाइड से ठीक हो जाता है, वह एक 'वाहक' बन जाता है। बीमारी के कोई लक्षण न होने के बावजूद उनके मल और मूत्र में जीवाणु होते हैं, और वे लगभग तीन महीने (कभी-कभी एक वर्ष तक) की अवधि तक दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। 
    • कई टाइफाइड स्थानिक देशों में यात्रियों को टाइफाइड बुखार होने का उच्च जोखिम होता है। इसमें एशिया के कुछ हिस्से (विशेषकर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश), अफ्रीका, कैरिबियन, मध्य और दक्षिण अमेरिका एवं मध्य पूर्व शामिल हैं। 
  • लक्षण: 
    • टाइफाइड के लक्षण सामान्य से लेकर गंभीर तक होते हैं, बिना इलाज के लगभग एक महीने तक रह सकते हैं, इसके लक्षणों में शामिल हैं: बुखार, थकान, अस्वस्थता (अस्वस्थता की सामान्य भावना), गले में खराश, लगातार खांँसी और सिरदर्द। 
  • निवारण: 
    • टीका/वैक्सीन: 
      • टाइफाइड का टीका/वैक्सीनऑरल मेडिकेशन या वन ऑफ इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध है: 
        • कैप्सूल: वयस्कों और 6 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिये यह एक सक्रिय, क्षीण टीका है। 
        • खुराक: वयस्कों और 2 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिये, यह एक निष्क्रिय टीका है जिसे एक व्यक्ति को टाइफाइड होने से 2 सप्ताह पहले प्राप्त देने की आवश्यकता होती है। 
        • टाइफाइड का टीका केवल 50-80% प्रभावी होता है। 
  • उपचार: 
    • टाइफाइड बुखार में एंटीबायोटिक दवाओं के साथ शीघ्र उपचार की आवश्यकता होती है। 
  • दवा प्रतिरोधक क्षमता: 
    • टाइफाइड बुखार के लिये एंटीबायोटिक दवाओं की प्रभावशीलता ड्रग रेसिस्टेंट स्ट्रेन (Drug Resistant Strains)  के उद्भव से खतरे में है। 
      • बैक्टीरिया के प्रतिरोधी उपभेदों या स्ट्रेन के अस्तित्व का मतलब है कि एंटीबायोटिक्स या उन्हें मारने के लिये डिज़ाइन की गई दवाएंँ अब काम नहीं करती हैं, जिससे उन्हें तेज़ीसे फैलती है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरा होता है। 
    • वर्ष 2000 के बाद से बांग्लादेश और भारत में मल्टी-ड्रग-रेसिस्टेंट (MDR) टाइफाइड में लगातार गिरावट आई है, नेपाल में यह कम रहा है और पाकिस्तान में यह थोड़ बढ़ा है। 
      • हालांँकि, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर और अन्य संस्थानों के शोधकर्त्ताओं द्वारा किये गए अध्ययन के अनुसार, इन्हें अन्य एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिरोधी उपभेदों या स्ट्रेन द्वारा प्रतिस्थापित किया जा रहा है। 
      • बहु-दवा प्रतिरोध (MDR) को एंटीबायोटिक के तीन या अधिक रासायनिक वर्गों में कम-से-कम एक एजेंट के लिये संवेदनशीलता की कमी के रूप में परिभाषित किया गया है।  
      • उपभेदों को MDR के रूप में वर्गीकृत किया गया था यदि उनके पास एंटीबायोटिक्स एम्पीसिलीन, क्लोरैम्फेनिकॉल और ट्राइमेथोप्रिम/सल्फामेथोक्साज़ोल के प्रतिरोधी जीन थे। 
    • XDR टाइफाइड नामक उपभेदों में एक नए प्रकार का दवा प्रतिरोध देखा गया है। एंटीबायोटिक (एज़िथ्रोमाइसिन) के प्रति प्रतिरोधी उपभेदों को भारत, बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान में देखा गया है। 
      • व्यापक दवा प्रतिरोध (XDR) टाइफाइड तनाव के कारण होता है जो टाइफाइड बुखार के इलाज के लिये अनुशंसित कम-से-कम पाँच एंटीबायोटिक वर्गों के लिये प्रतिरोधी होता है। 

आगे की राह 

  • टाइफाइड बुखार की रोकथाम, नियंत्रण और उन्मूलन के लिये एक एकीकृत दृष्टिकोण और व्यापक नीतिगत ढाँचे की आवश्यकता है। 
  • भारत का स्वास्थ्य मंत्रालय राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में टाइफाइड के नए टीके लगाने पर विचार कर रहा है। भारत में (भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई द्वारा) दो डब्ल्यूएचओ प्रीक्वालिफाइड टीके विकसित किये गए हैं। 

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस