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DRC संघर्ष और M23 मिलिशिया

  • 18 Feb 2025
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

रवांडा समर्थित M23 मिलिशिया द्वारा खनिज समृद्ध शहर गोमा पर कब्ज़ा कर लेने से कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में चल रहा हुतु-तुत्सी संघर्ष और भी उग्र हो गया।

  • इस संघर्ष के परिणामस्वरूप 2,900 लोगों की मौत होने के साथ लगभग 700,000 लोग विस्थापित हुए तथा यह संसाधनों से समृद्ध दक्षिण किवु प्रांत तक फैल गया।

  • M23 का गठन वर्ष 2012 में DRC सरकार और तुत्सी नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्ग्रेस फॉर द डिफेंस ऑफ द पीपल (CNDP) के बीच वर्ष 2009 के शांति समझौते की विफलता के बाद हुआ था।
    • M23 का दावा है कि वह DRC में तुत्सियों की रक्षा करता है जबकि डेमोक्रेटिक फोर्सेज फॉर द लिबरेशन ऑफ रवांडा (FDLR) हुतु के लिये लड़ता है।
    • हुतु-तुत्सी संघर्ष बेल्जियम और जर्मन औपनिवेशिक शासन के समय से ही अस्तित्व में है जहाँ शासन में तुत्सियों को प्राथमिकता दी जाती थी।
  • रवांडा नरसंहार (1994) में हुतु चरमपंथियों द्वारा तुत्सी जातीय समूह का सामूहिक नरसंहार किया गया था।
  • DRC द्वारा विश्व स्तर पर 40% कोल्टन की आपूर्ति की जाती है जिसका उपयोग हाई चार्ज रिटेंशन के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में टैंटालम कैपेसिटर बनाने में किया जाता है।

और पढ़ें: कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में संघर्ष

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