त्रिपक्षीय अभ्यास 'दोस्ती': भारत-मालदीव-श्रीलंका | 25 Nov 2021
भारत, मालदीव और श्रीलंका के बीच द्विवार्षिक त्रिपक्षीय तटरक्षक अभ्यास 'दोस्ती' के 15वें संस्करण का आयोजन मालदीव में किया गया।
- इस अभ्यास ने वर्ष 2021 में 30 वर्ष पूरे कर लिये हैं।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- अभ्यास 'दोस्ती' को वर्ष 1991 में भारत और मालदीव के तटरक्षकों के बीच शुरू किया गया था। श्रीलंका पहली बार वर्ष 2012 में इस अभ्यास में शामिल हुआ था।
- पिछले दस वर्षों में आयोजित अभ्यासों ने समुद्री दुर्घटनाओं की स्थिति में सहायता प्रदान करने, समुद्री प्रदूषण को समाप्त करने और तेल रिसाव जैसी स्थितियों के दौरान तटरक्षक की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया है।
- इस अभ्यास (2021) के लिये भारतीय तटरक्षक पोत वज्र और अपूर्वा (Vajra and Apoorva) को तैनात किया गया है।
- अभ्यास का उद्देश्य:
- भारत-मालदीव-श्रीलंका त्रिपक्षीय अभ्यास ‘दोस्ती’ का उद्देश्य संबंधों को मज़बूत करना, आपसी सहयोग व क्षमता बढ़ाना तथा भारत, मालदीव और श्रीलंका के तटरक्षकों के बीच सहयोग स्थापित करना है।
- हाल के सुरक्षा संबंधी विकास:
- श्रीलंका, भारत इस वर्ष अगस्त (2021) में आयोजित एक उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार-स्तरीय बैठक में श्रीलंका और मालदीव सुरक्षा सहयोग के "चार स्तंभों" पर काम करने के लिये सहमत हुए हैं।
- इनमें समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्र शामिल थे।
- इससे पहले तीनों देश खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान का दायरा बढ़ाने पर सहमत हुए थे।
- श्रीलंका, भारत इस वर्ष अगस्त (2021) में आयोजित एक उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार-स्तरीय बैठक में श्रीलंका और मालदीव सुरक्षा सहयोग के "चार स्तंभों" पर काम करने के लिये सहमत हुए हैं।
- भारत और श्रीलंका के बीच अभ्यास:
- अभ्यास मित्र शक्ति (सैन्य अभ्यास)
- स्लीनेक्स (नौसेना अभ्यास)
- भारत और मालदीव के बीच अभ्यास:
- अभ्यास एकुवेरिन (सैन्य अभ्यास)