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ज़िला खनिज फाउंडेशन योजना

  • 20 Dec 2022
  • 5 min read

ओडिशा का क्योंझर ज़िला, ज़िला खनिज फाउंडेशन (District Mineral Foundation- DMF) योजना के तहत भारत का सबसे अधिक वित्त प्राप्त करने वाला ज़िला है और विगत सात वर्षों में इस योजना के तहत 3,000 करोड़ रूपए खर्च किये गए हैं।

  • क्योंझर खनिज भंडार विशेष रूप से लौह अयस्क में बेहद समृद्ध है। क्योंझर ज़िले में मृदा के नीचे 2,555 मिलियन टन लौह अयस्क उपलब्ध है, जिसमें से लगभग 50 मिलियन टन प्रत्येक वर्ष निकाला जाता है, जो ओडिशा की अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्रोत है।

ज़िला खनिज फाउंडेशन (DMF) योजना

  • परिचय:
    • खान और खनिज विकास विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2015 के अनुसार, खनन से संबंधित कार्यों से प्रभावित प्रत्येक ज़िले में राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा ज़िला खनिज फाउंडेशन नामक गैर-लाभकारी निकाय के रूप में एक ट्रस्ट स्थापित करेगी।
  • DMF वित्त:
    • प्रत्येक खनन पट्टा धारक केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर DMF में रॉयल्टी के अधिकतम एक-तिहाई वित्त का योगदान करेगा।
    • इस फंड का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित लोगों के कल्याण के लिये किया जाएगा।
      • क्योंझर में कुल DMF कोष संग्रह ₹8,840 करोड़ तक पहुँच गया है, जो भारत में किसी भी ज़िले के लिये सबसे अधिक है।
  • उद्देश्य:
    • योगदान के पीछे विचार यह है कि स्थानीय खनन प्रभावित समुदायों, ज़्यादातर आदिवासी और देश के सबसे गरीब लोगों को भी जहाँ वे रहते हैं, वहाँ से निकाले गए प्राकृतिक संसाधनों से लाभ पाने का अधिकार है।
  • क्रियान्वयन:
    • DMF ट्रस्टों के क्रियान्वयन और राज्यों के DMF नियमों द्वारा शासित कोष उपयोग में एक केंद्रीय दिशानिर्देश, प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) के जनादेश शामिल हैं।

प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY):

  • परिचय:
    • यह ज़िला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट के कोष का उपयोग कर खनन गतिविधियों से प्रभावित लोगों और क्षेत्रों का कल्याण सुनिश्चित करने संबंधी यह खनन मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है।
  • उद्देश्य:
    • खनन प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न विकासात्मक और कल्याणकारी परियोजनाओं/कार्यक्रमों को लागू करना, जो राज्य और केंद्र सरकार की मौजूदा परियोजनाओं/कार्यक्रमों के पूरक के तौर पर कार्य करें।
    • आम लोगों के स्वास्थ्य, पर्यावरण और उस क्षेत्र विशिष्ट की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर खनन गतिविधियों के प्रतिकूल प्रभावों को कम करना।
    • खनन क्षेत्रों में प्रभावित लोगों के लिये दीर्घकालिक स्थायी आजीविका सुनिश्चित करना।
  • क्रियान्वयन:
    • कम-से-कम 60 प्रतिशत फंड का उपयोग ‘उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों’ जैसे- पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण उपाय, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा आदि के लिये किया जाएगा।
    • शेष फंड का उपयोग ‘अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों’ जैसे कि अवसंरचना, सिंचाई, ऊर्जा तथा वाटरशेड विकास और पर्यावरण गुणवत्ता में सुधार करने संबंधी उपायों के लिये किया जाएगा।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रश्न. भारत में ज़िला खनिज फाउंडेशन का/के क्या उद्देश्य है/हैं? (2016)

  1. खनिज समृद्ध ज़िलों में खनिज अन्वेषण गतिविधियों को बढ़ावा देना
  2. खनन कार्यों से प्रभावित व्यक्तियों के हितों की रक्षा करना
  3. राज्य सरकारों को खनिज अन्वेषण के लिये लाइसेंस जारी करने हेतु अधिकृत करना

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

स्रोत: द हिंदू

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