ज़िला निर्वाचन प्रबंधन योजना | 10 Apr 2024
स्रोत: द हिंदू
आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर, चुनावों का संचालन तेज़ी से जटिल व बहुआयामी हो गया है, जिससे स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिये सावधानीपूर्वक योजना और कार्यान्वयन की आवश्यकता होती है।
- इस योजना प्रक्रिया की आधारशिला ज़िला निर्वाचन प्रबंधन योजना (District Election Management Plan - DEMP) है।
ज़िला निर्वाचन प्रबंधन योजना (DEMP) क्या है?
- परिचय:
- DEMP एक व्यापक दस्तावेज़ है जो ज़िलों में चुनावों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिये आँकड़ों और विश्लेषण का उपयोग करता है।
- तैयारी/रणनीति:
- भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, DEMP को मतदान की संभावित तारीख से कम से कम छह माह पहले तैयार किया जाना चाहिये।
- चुनावी प्रक्रिया की गतिशीलता के लिये अक्सर चुनावों की आधिकारिक घोषणा के बाद समय-समय पर पुनर्मूल्यांकन और योजना में संशोधन की आवश्यकता होती है।
- DEMP के प्रभावी कार्यान्वयन में चुनावी अधिकारियों, प्रशासनिक निकायों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अन्य प्रासंगिक हितधारकों को शामिल करते हुए एक समन्वित प्रयास शामिल है।
- राजनीतिक संस्थाओं और मीडिया आउटलेट्स के साथ निर्धारित कार्यकलाप की भी व्यवस्था की जाती है ताकि उन्हें चुनावी नियमों एवं प्रक्रियाओं पर व्यापक जानकारी प्रदान की जा सके।
DEMP के तत्त्व क्या हैं?
- ज़िला प्रोफ़ाइल:
- यह निर्वाचन रणनीति का मूलभूत तत्त्व है, जिसमें निर्वाचन क्षेत्रों का चित्रण करने वाला एक राजनीतिक मानचित्र, प्रासंगिक जनसांख्यिकीय एवं बुनियादी ढाँचे के आँकड़े और ज़िले की प्रशासनिक संरचना एवं सामाजिक-आर्थिक विशेषताओं का अवलोकन शामिल है।
- मतदान केंद्र अवसंरचना:
- मतदान केंद्रों की उपलब्धता और पहुँच बढ़ाने, रैंप, बिजली, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल, शौचालय एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित करने के लिये विस्तृत रणनीतियाँ तैयार की गई हैं।
- विकलांग मतदाताओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिये विशेष प्रावधान किये गए हैं, जिनमें सहायता डेस्क की स्थापना, 24/7 नियंत्रण कक्ष, घरेलू मतदान विकल्प एवं आवश्यक सेवा कर्मियों के लिये उन्नत डाक मतपत्र मतदान शामिल हैं।
- मतदान केंद्रों की उपलब्धता और पहुँच बढ़ाने, रैंप, बिजली, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल, शौचालय एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित करने के लिये विस्तृत रणनीतियाँ तैयार की गई हैं।
- EVM प्रबंधन:
- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) प्रबंधन निर्वाचन प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने के लिये महत्त्वपूर्ण है, जिसमें EVM और मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) के सुरक्षित भंडारण एवं उपलब्धता के लिये आवश्यक योजनाएँ शामिल हैं, जिसमें उनके परिवहन एवं रखरखाव की योजनाएँ भी शामिल हैं।
- व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी (SVEEP) योजना:
- यह कम या उल्लेखनीय रूप से न्यूनतम भागीदारी दर वाले मतदान केंद्रों की पहचान करने के लिये मतदान डेटा का विश्लेषण करके चुनावी भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- इसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का लाभ उठाना, विविध समुदाय एवं युवा संगठनों के साथ जुड़ना और मतदान के दिन तक जागरुकता बढ़ाने वाले कार्यक्रम आयोजित करना शामिल है।
- कार्मिक योजना और प्रशिक्षण:
- DEMP चुनाव कर्मियों की भर्ती, प्रशिक्षण, कल्याण और तैनाती के लिये एक व्यापक रणनीति की रूपरेखा तैयार करता है।
- यह चुनाव कर्मियों का एक मज़बूत डेटाबेस स्थापित करने, उन्हें कैडर और समूह के आधार पर वर्गीकृत करने तथा विभिन्न चुनावी भूमिकाओं में कर्मियों के अंतर को कम करने के लिये रणनीतिक रूप से उनकी तैनाती संबंधी आवश्यकताओं का आकलन करने की आवश्यकता पर ज़ोर देता है।
- योजना में आदर्श आचार संहिता (MCC) को लागू करने के लिये ज़िला-स्तरीय टीमों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं और सभी चुनाव कर्मियों हेतु व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके पास संबंधित भूमिकाओं के लिये अपेक्षित कौशल एवं ज्ञान है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2012)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 (b) केवल 2 और 3 (c) केवल 1 और 3 (d) कोई भी नही उत्तर: (d) प्रश्न. संविधान (73वाँ संशोधन) अधिनियम, 1992, जिसका उद्देश्य देश में पंचायती राज संस्थाओं को बढ़ावा देना है, निम्नलिखित में से किसका प्रावधान करता है? (2011)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) |