सिकल सेल रोगियों को विकलांगता प्रमाण पत्र | 19 Sep 2023
स्रोत: द हिंदू
5 वर्ष से अधिक आयु के सिकल कोशिका रोग (Sickle Cell Disease- SCD) से ग्रस्त रोगियों के लिये स्थायी विकलांगता प्रमाणपत्र जारी करने की योजना लगभग तीन वर्षों से तीन केंद्रीय मंत्रालयों (स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और अधिकारिता, जनजातीय मामले) के बीच दुविधा में फँसी हुई है।
SCD के लिये स्थायी विकलांगता प्रमाणपत्र जारी करने में विलंब के कारण:
- SCD को विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत विकलांगों की सूची में शामिल किये जाने के बाद विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग (Department of Empowerment of Persons with Disabilities-DEPwD) ने SCD रोगियों के लिये विकलांगता प्रमाणपत्रों की वैधता को 1 वर्ष से बढ़ाकर 3 वर्ष कर दिया, लेकिन फिर भी इस प्रमाणपत्र को प्राप्त करने के लिये न्यूनतम 25% विकलांगता आवश्यक है।
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय इन प्रमाणपत्रों के लिये मानदंड और नियम निर्धारित करने का प्रभारी है।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय प्रमाण पत्र जारी करता है, जबकि जनजातीय मामलों का मंत्रालय SCD रोगियों के अधिकारों का समर्थन करता है।
- "महिला सशक्तिकरण पर संसदीय स्थायी समिति ने कहा कि SCD एक ‘जीवन पर्यंत रहने वाली बीमारी’ है और रक्त एवं अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण ही इसका एकमात्र इलाज है, "जिसे बहुत कम लोग, विशेष रूप से आदिवासी आबादी के बीच, अपना सकते हैं।"
- उन्होंने सरकार से SCD रोगियों के लिये स्थायी या दीर्घकालिक प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने का आग्रह किया।
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अक्तूबर 2023 तक इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट जारी करने की उम्मीद है।
सिकल सेल रोग (SCD):
- परिचय:
- SCD वंशानुगत लाल रक्त कोशिका विकारों का एक समूह है। SCD में, लाल रक्त कोशिकाएँ कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं तथा C-आकार के कृषि उपकरण की तरह दिखती हैं जिसे "सिकल" कहा जाता है।
- लक्षण:
- सिकल सेल रोग के लक्षण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- क्रोनिक एनीमिया: यह शरीर में थकान, कमज़ोरी और पीलेपन का कारण बनता है।
- तीव्र दर्द (सिकल सेल संकट के रूप में भी जाना जाता है): यह हड्डियों, छाती, पीठ, हाथ एवं पैरों में अचानक और असहनीय दर्द उत्पन्न कर सकता है।
- यौवन व शारीरिक विकास में विलंब।
- सिकल सेल रोग के लक्षण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- उपचार:
- रक्ताधान: ये एनीमिया से छुटकारा पाने और तीव्र दर्द संकट के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- हाइड्रॉक्सीयूरिया: यह दवा दर्द की निरंतरता की आवृत्ति को कम करने और बीमारी की कुछ दीर्घकालिक जटिलताओं को रोकने में सहायता कर सकती है।
- इसका इलाज अस्थि मज्जा या स्टेम सेल प्रत्यारोपण द्वारा भी किया जा सकता है।
- SCD से निपटने हेतु सरकारी पहल:
- राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का लक्ष्य वर्ष 2047 तक भारत से सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करना है।
- सरकार ने वर्ष 2016 में सिकल सेल एनीमिया सहित हीमोग्लोबिनोपैथी की रोकथाम और नियंत्रण के लिये तकनीकी परिचालन दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
- उपचार और निदान हेतु 22 आदिवासी ज़िलों में एकीकृत केंद्र भी स्थापित किये गए हैं।
- बीमारी की जाँच और प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने हेतु मध्य प्रदेश में राज्य हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन की शुरुआत की गई है।
- एनीमिया मुक्त भारत रणनीति।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. एनीमिया मुक्त भारत रणनीति के अंतर्गत की जा रही व्यवस्थाओं के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः(2023)
उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं? (a) केवल एक उत्तर: (c) व्याख्या:
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