डिजियात्रा | 03 Dec 2022
हाल ही में सरकार ने हवाई यात्रा को और सुलभ बनाने हेतु चुनिंदा हवाई अड्डों पर पेपरलेस एंट्री की शुरुआत की है।
- पहले चरण में यह पहल सात हवाई अड्डों पर शुरू की जाएगी, जिसमे पहले तीन हवाई अड्डे - दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी के होंगे। इसके बाद मार्च 2023 तक हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और विजयवाड़ा हवाई अड्डों को शामिल किया जाएगा।
- इसके बाद इस तकनीक का उपयोग राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा।
डिजियात्रा:
- परिचय:
- डिजियात्रा एक परिकल्पना है जिसके तहत यात्री अपनी पहचान की पुष्टि करने के लिये चेहरे(फेसिअल फीचर्स) का उपयोग करते हुए पेपरलेस और संपर्क रहित (कॉन्टैक्टलेस) प्रक्रिया के माध्यम से हवाई अड्डे पर विभिन्न चेकपॉइंट्स से गुजरते हैं जो उनके बोर्डिंग पास से जुड़ा(लिंक्ड) होगा।
- इस तकनीक के साथ, हवाईअड्डे, सुरक्षा जाँच क्षेत्रों, विमान बोर्डिंग आदि में प्रवेश सहित सभी चेकपॉइंट्स पर चेहरे की पहचान प्रणाली के आधार पर यात्रियों का प्रवेश को स्वचालित रूप से किया जाएगा।
- कार्यान्वयन:
- यह परियोजना नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत डिजीयात्रा फाउंडेशन द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
- डिजीयात्रा फाउंडेशन एक संयुक्त उद्यम कंपनी है जिसके शेयरधारक भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण
- यह परियोजना नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत डिजीयात्रा फाउंडेशन द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
- महत्त्व:
- चेहरे की पहचान तकनीक फायदेमंद है क्योंकि यह हवाईयात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाती है और हवाईअड्डों पर भीड़ कम करती है।
- दुबई, सिंगापुर, अटलांटा और नारिता (जापान) सहित दुनिया भर के विभिन्न हवाई अड्डों पर चेहरे की पहचान प्रणाली ने दक्षता लाने में मदद की है। परिणामस्वरूप ये कम लागत पर संचालित होते हैं।
- वर्तमान मैनुअल प्रक्रियाओं को डिज़िटल स्वरूप प्रदान किया जाता है और बेहतर क्षमता लाने के लिये प्रयास किया जाता है
- सुरक्षा मानकों को बढ़ाया जाएगाऔर वर्तमान सिस्टम प्रदर्शन में सुधार किया जाएगा
- डिजीयात्रा के साथ भारत, हवाई अड्डों पर एक निर्बाध, परेशानी मुक्त और स्वास्थ्य जोखिम मुक्त प्रक्रिया के लिये एक नया वैश्विक बेंचमार्क स्थापित कर रहा है
- चेहरे की पहचान तकनीक फायदेमंद है क्योंकि यह हवाईयात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाती है और हवाईअड्डों पर भीड़ कम करती है।