जीवन प्रत्याशा की वृद्धि संबंधी जटिलताएँ | 15 Oct 2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
"इम्प्लॉसिबिलिटी ऑफ रेडिकल लाइफ एक्सटेंशन इन ह्यूमंस इन द ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी ("Implausibility of Radical Life Extension in Humans in the Twenty-First Century)" शीर्षक से किये गए एक नए अध्ययन से पता चलता है कि चिकित्सा और तकनीकी प्रगति के कारण जीवन प्रत्याशा में होने वाली लगातार वृद्धि में कमी आ रही है।
अध्ययन के बारे में:
- शोधकर्त्ताओं ने वर्ष 1990 से वर्ष 2019 तक जन्म के समय जीवन प्रत्याशा के आँकड़ों की जाँच की, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, फ्राँस, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन और स्विट्ज़रलैंड जैसे उच्चतम जीवन प्रत्याशा वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
मुख्य निष्कर्ष:
- अध्ययन से पता चलता है कि सबसे लंबे समय तक रहने वाले क्षेत्रों में जीवन प्रत्याशा में वर्ष 1990 और वर्ष 2019 के दौरान केवल 6.5 वर्ष की वृद्धि हुई है।
- कैंसर और हृदयाघात जैसी व्यापक घातक बीमारियों के लिये केवल उपचार में सुधार करने के बजाय, हमें ऐसी नवीन नई दवाओं की आवश्यकता है जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकें।
- वर्तमान अनुमानों से पता चलता है कि उन क्षेत्रों में लड़कियों की 100 वर्ष की आयु तक पहुँचने की संभावना 5.3% है, तथा लड़कों की 1.8% है।
- हालाँकि, भले ही सामान्य बीमारियों का उन्मूलन कर दिया जाए, लेकिन उम्र बढ़ने के कारण अंगों में कमज़ोरी के कारण जीवन प्रत्याशा की वृद्धि सीमित हो जाती है।
- जीवन प्रत्याशा में वृद्धि के लिये कई दवाओं का परीक्षण किया जा रहा है, जिनमें मेटफॉर्मिन भी शामिल है, जो एक कम लागत वाली मधुमेह की दवा है, जो नर बंदरों में बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करने में कारगर साबित हुई है।
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