नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

रैपिड फायर

डिएगो गार्सिया और चागोस द्वीप समूह

  • 07 Apr 2025
  • 3 min read

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया

ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने डिएगो गार्सिया में छह B-2 स्टील्थ बमवर्षक विमान तैनात किये हैं।

  • हिंद महासागर में स्थित डिएगो गार्सिया इस क्षेत्र में एकमात्र प्रमुख अमेरिकी बेस है, जो एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व में सामरिक शक्ति प्रक्षेपण को सक्षम बनाता है।

चागोस द्वीपसमूह और डिएगो गार्सिया

  • चागोस द्वीपसमूह:
    • स्थान: यह हिंद महासागर में मालदीव से 500 किमी. दक्षिण में स्थित है और इसमें 58 द्वीप हैं। 
    • इतिहास: 18वीं शताब्दी के अंत में फ्राँसीसी लोगों द्वारा अफ्रीकी और भारतीय श्रमिकों को दास बनाकर नारियल के बागानों में काम करने के लिये यहाँ लाया गया जिससे यह आवासित हुआ। 
      • वर्ष 1814 की पेरिस संधि के तहत, फ्राँस ने मॉरीशस सहित चागोस द्वीपसमूह को ब्रिटेन को सौंप दिया, जिससे इस क्षेत्र पर ब्रिटिश नियंत्रण की शुरुआत हुई। 
      • वर्ष 1965 में, ब्रिटेन ने मॉरीशस से चागोस द्वीप समूह को अलग कर ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र (BIOT) का निर्माण किया, जिसके बदले में मॉरीशस को 3 मिलियन पाउंड का अनुदान दिया गया। 
        • क्रियोल-भाषी चागोसियन संबद्ध क्षेत्र के मूल निवासी थे, जिन्हें डिएगो गार्सिया पर अमेरिकी सैन्य अड्डा स्थापित करने के लिये 1960-70 के दशक में जबरन विस्थापित कर दिया गया था।
      • वर्ष 1968 में मॉरीशस के स्वतंत्र होने के बावजूद, चागोस द्वीपसमूह पर ब्रिटिश का नियंत्रण रहा।
  • डिएगो गार्सिया:
    • यह कोरल एटोल और चागोस द्वीपसमूह का सबसे बड़ा द्वीप है, जो भूमध्य रेखा से 7 डिग्री दक्षिण में स्थित है। इसे वर्ष 1967 में अमेरिका और ब्रिटेन को पट्टे पर दिया गया था और वर्ष 1986 में  इसे एक सैन्य अड्डा बना दिया गया।
    • वर्ष 2024 में, ब्रिटेन ने चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को हस्तांतरित करने पर सहमति व्यक्त की, जबकि डिएगो गार्सिया पर सैन्य अड्डे का नियंत्रण 99 वर्ष के पट्टे के तहत बरकरार रखा।
      • यह निर्णय वर्ष 2019 में  अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) द्वारा मॉरीशस के संप्रभुता दावों का समर्थन करने वाले निर्णय के बाद लिया गया।
    • खाड़ी युद्ध, इराक और अफगानिस्तान युद्धों तथा 9/11 के बाद के अभियानों में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है- जिससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र का सामरिक महत्त्व उजागर होता है।

और पढ़ें: चागोस द्वीपसमूह और डिएगो गार्सिया द्वीप 

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2