इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

धम्म दीपा अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध विश्वविद्यालय

  • 28 Nov 2022
  • 10 min read

दक्षिण त्रिपुरा ज़िले के सबरूम के मनु बांकुल में धम्म दीपा अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध विश्वविद्यालय (DDIBU) की आधारशिला 29 नवंबर, 2022 को रखी जाएगी।

  • DDIBU के आधुनिक शिक्षा के अन्य विषय पाठ्यक्रमों के साथ-साथ बौद्ध शिक्षा प्रदान करने वाला भारत का पहला बौद्ध-संचालित विश्वविद्यालय बनने की उम्मीद है।

बुद्ध धर्म:

  • परिचय:
    • भारत में बौद्ध धर्म की शुरुआत लगभग 2600 वर्ष पूर्व हुई थी।
    • यह धर्म अपने संस्थापक सिद्धार्थ गौतम की शिक्षाओं, जीवन के अनुभवों पर आधारित है।
    • बौद्ध धर्म की मुख्य शिक्षाएँ चार महान आर्य सत्य और अष्टांगिक मार्ग की मूल अवधारणा में समाहित हैं।
      • चार महान सत्य:
        • दुख (दुःख): संसार दुखमय है।
        • प्रत्येक दुख का एक कारण है - समुदय
        • दुखों का निवारण किया जा सकता है – निरोध।
        • यह अथांग मग्गा (आष्टांगिक मार्ग) का पालन करके प्राप्त किया जा सकता है।
      • आष्टांगिक मार्ग: इसमें ज्ञान, आचरण और ध्यान प्रथाओं से संबंधित विभिन्न परस्पर संयुक्त गतिविधियाँ शामिल हैं।
        • सम्यक दृष्टि
        • सम्यक संकल्प
        • सम्यक वाक
        • सम्यक कर्मांत
        • सम्यक आजीव
        • सम्यक व्यायाम
        • सम्यक स्मृति
        • सम्यक समाधि
    • बौद्ध धर्म का सार आत्मज्ञान या निर्वाण की प्राप्ति है जो एक स्थिति नहीं बल्कि एक अनुभव है जिसे इस जीवन में प्राप्त किया जा सकता है।
    • बौद्ध धर्म में कोई सर्वोच्च देवी या देवता नहीं है।

बौद्ध परिषदें :

Buddh-Parishaden

  • विभिन्न बौद्ध संप्रदाय:
    • महायान (मूर्ति पूजा), हीनयान, थेरवाद, वज्रयान (तांत्रिक बौद्ध धर्म), ज़ेन।
  • बौद्ध धर्म से संबंधित महत्त्वपूर्ण ग्रंथ (त्रिपिटक):
    • विनयपिटक (मठवासी जीवन पर लागू नियम), सुत्तपिटक (बुद्ध की मुख्य शिक्षाएँ या धम्म), अभिधम्मपिटक (एक दार्शनिक विश्लेषण और शिक्षाओं का व्यवस्थित संकलन )।
  • भारतीय संस्कृति में बौद्ध धर्म का योगदान:
    • अहिंसा की अवधारणा बौद्ध धर्म का प्रमुख योगदान है। बाद के समय में यह हमारे राष्ट्र के  प्रमुख मूल्यों में से एक बन गई।
    • भारत की कला एवं वास्तुकला में इसका उल्लेखनीय योगदान रहा है। साँची, भरहुत और गया के स्तूप बौद्ध वास्तुकला के अद्भुत नमूने हैं।
    • इसने तक्षशिला, नालंदा और विक्रमशिला जैसे आवासीय विश्वविद्यालयों के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा दिया।
    • पाली और अन्य स्थानीय भाषाएँ बौद्ध धर्म की शिक्षाओं के माध्यम से विकसित हुई।
    • इसने एशिया के अन्य हिस्सों में भारतीय संस्कृति के प्रसार को भी बढ़ावा दिया था।
  • बौद्ध धर्म से संबंधित यूनेस्को के विरासत स्थल:
    • नालंदा, बिहार में नालंदा महाविहार का पुरातात्त्विक स्थल
    • साँची, मध्य प्रदेश में बौद्ध स्मारक
    • बोधगया, बिहार में महाबोधि विहार परिसर
    • अजंता गुफाएँ, औरंगाबाद (महाराष्ट्र)
    • लद्दाख के बौद्ध जप को वर्ष 2012 में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की यूनेस्को की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया था।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. भारतीय इतिहास के संदर्भ मे निम्नलिखित मूलग्रंथों पर विचार कीजिये: (2021)

  1. नेत्तिपकरण
  2. परिशिष्टपर्वन
  3. अवदानशतक
  4. त्रिशष्टिलक्षण महापुराण

उपर्युक्त में से कौन-से जैन ग्रंथ हैं?

(a) 1, 2 और 3
(b)  केवल 2 और 4
(c) 1, 3 और 4
(d)  2, 3 और 4

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • नेत्तिपकरण एक पौराणिक बौद्ध ग्रंथ है, जिसे कभी-कभी थेरवाद बौद्ध धर्म के पाली कैनन के खुद्दकनिकाय निकाय में शामिल किया गया था।
  • परिशिष्टपर्वन हेमचन्द्र द्वारा रचित 12वीं शताब्दी का संस्कृत महाकाव्य है जो प्रारंभिक जैन शिक्षकों के इतिहास का विवरण प्रस्तुत करता है।
  • अवदानशतक एक सौ बौद्ध किंवदंतियों का संस्कृत में एक संकलन है, जो लगभग एक ही समय से संबंधित है। त्रिशष्ठिलक्षण महापुराण एक प्रमुख जैन ग्रंथ है जिसकी रचना मुख्य रूप से आचार्य जिनसेना ने राष्ट्रकूट के शासन के दौरान की थी।

अतः विकल्प (b) सही है।


प्रश्न. भारतीय इतिहास के संदर्भ में, निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2021))



ऐतिहासिक व्यक्तित्व

प्रसिद्धि

1.

 आर्यदेव

जैन विद्वान

2.

 दिङ्नाग

बौद्ध विद्वान

3.

नाथमुनी

 वैष्णव  विद्वान

उपर्युक्त में से कितने युग्म सुमेलित हैं?

(a) कोई युग्म सही नहीं
(b) केवल एक युग्म
(c) केवल दो युग्म
(d) सभी तीनों युग्म

उत्तर: C

व्याख्या:

आर्यदेव महायान बौद्ध भिक्षु थे वे नागार्जुन के शिष्य और मध्यम मार्ग मानने वाले दार्शनिक थे। दिङ्नाग एक भारतीय बौद्ध विद्वानों और बौद्ध विचारों के संस्थापकों में से एक थे। श्री रंगनाथमुनि, जिन्हें श्रीमन नाथमुनि (823 ईस्वी -951 सीई) के नाम से जाना जाता है, एक वैष्णव धर्मशास्त्री थे जिन्होंने नालायरा दिव्य प्रबंधम को संकलित किया था। अत: केवल युग्म 2 और 3 सुमेलित हैं। पहला युग्म सही नही है। अत: विकल्प C सही है।


Q. भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में, ‘परामिता’ शब्द का सही विवरण निम्नलिखित में से कौन-सा है?

(a) सूत्र पद्धति में लिखे गए प्राचीनतम धर्मशास्त्र पाठ
(b) वेदों के प्राधिकार को अस्वीकार करने वाले दार्शनिक संप्रदाय
(c) परिपूर्णताएँ जिनकी प्राप्ति से बोधिसत्व पथ प्रशस्त हुआ
(d) आरंभिक मध्यकालीन दक्षिण भारत की शक्तिशाली व्यापारी श्रेणियाँ

उत्तर: C

व्याख्या:

  • परामिता या परमी (क्रमशः संस्कृत और पाली में) एक बौद्ध शब्द है जिसका अनुवाद अक्सर "पूर्णता" के रूप में किया जाता है।
  • महायान बौद्ध धर्म में बोधिसत्व छ: परामितों का उल्लेख करता है जिसमें उदारता, अनुशासन, धैर्य, परिश्रम, ध्यान एकाग्रता और ज्ञान शामिल हैं।
  • बौद्ध भाष्य में परामिता का वर्णन आम तौर पर प्रबुद्ध प्राणियों से जुड़े महान चरित्र गुणों के रूप में किया गया है।

अतः विकल्प (c) सही है।


प्रश्न.  निम्नलिखित पर विचार कीजिये:

  1. बुद्ध में देवत्वारोपण
  2. बोधिसत्त्व के पथ पर चलना
  3. मूर्ति उपासना तथा अनुष्ठान

उपर्युक्त में से कौन-सी विशेषता/विशेषताएँ महायान बौद्ध मत की है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • 72 ईस्वी में कुंडलवन, कश्मीर में आयोजित चौथी बौद्ध परिषद में वसुमित्र की अध्यक्षता में बौद्ध धर्म को दो शाखाओं हीनयान और महायान का उदय हुआ
  • महायान का शाब्दिक अर्थ 'द ग्रेट व्हीकल (महान वाहन)' है, जबकि महायान बौद्ध धर्म के समर्थकों ने बौद्ध धर्म की पुरानी परंपरा को हीनयान (छोटा वाहन) कहा है।
  • बौद्ध धर्म की महायान शाखा ने ज्ञान प्राप्त करने और सभी संवेदनशील प्राणियों को सभी दुखों तथा पीड़ाओं से बचाने के लिये बोधिसत्त्व के मार्ग को स्वीकार किया। अत: कथन 2 सही है।
  • उन्होंने यह मानना शुरू कर दिया कि बुद्ध उद्धारकर्त्ता थे और वह मोक्ष सुनिश्चित कर सकते थे। इस प्रकार बुद्ध के विग्रह की प्रक्रिया शुरू हुई। अत: कथन 1 सही है।
  • इसके अलावा बुद्ध की छवियों की पूजा और अनुष्ठान बौद्ध स्कूल का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन गए। अत: कथन 3 सही है।

अतः विकल्प (d) सही है।


प्रश्न. भारत में बौद्ध धर्म के इतिहास में पाल काल सबसे महत्त्वपूर्ण चरण है। विवेचना कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2020)

प्रश्न. प्रारंभिक बौद्ध स्तूप-कला, लोक रूपांकनों और आख्यानों का चित्रण करते हुए बौद्ध आदर्शों की सफलतापूर्वक व्याख्या करता है। स्पष्ट कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2016)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2