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देवसहायम पिल्लई

  • 16 Nov 2021
  • 4 min read

18वीं शताब्दी में ईसाई धर्म अपनाने वाले हिंदू देवसहायम पिल्लई (Devasahayam Pillai) संत की उपाधि प्राप्त करने वाले पहले भारतीय होंगे

  • पॉप फ्राँसिस 15 मई, 2022 को वेटिकन में सेंट पीटर्स बेसिलिका में एक विहित धर्मसभा के दौरान छह अन्य संतो के साथ देवसहायम पिल्लई को संत घोषित करेंगे।
  • वेटिकन सिटी रोमन कैथोलिक चर्च की सीट है।

Devasahayam-Pillai

प्रमुख बिंदु:

  • देवसहायम पिल्लई का जन्म 23 अप्रैल 1712 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी ज़िले के नट्टलम गाँव में हुआ था।
  • ईसाई धर्म अपनाने से पहले यह नीलकंद पिल्लई के नाम से जाने जाते थे तथा यह मंदिर के पुजारियों के परिवार में पले-बढ़े थे।
  • इन्होंने त्रावणकोर के महाराजा मार्तंड वर्मा के दरबार में सेवा दी और यहीं पर उनकी मुलाकात एक डच नौसैनिक कमांडर से हुई, जिन्होंने उन्हें कैथोलिक धर्म के बारे में सिखाया।
  • वह वर्ष 1745 में कैथोलिक बन गए तथा इन्होंने ईसाई धर्म अपनाने के बाद ‘लेज़ारूस’ (Lazarus) नाम रख लिया था लेकिन बाद में देवसहायम (भगवान की मदद) के नाम से जाने गए।
  • उसके बाद उन्हें धर्मांतरण के खिलाफ त्रावणकोर राज्य के प्रकोप का सामना करना पड़ा।
  • 14 जनवरी, 1752 को कैथोलिक बनने के ठीक सात वर्ष बाद देवसहायम की अरलवाइमोझी जंगल में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
    • तब से इन्हें दक्षिण भारत में व्यापक कैथोलिक समुदाय द्वारा शहीद माना जाता है।
    • इनकी कब्र तमिलनाडु के कन्याकुमारी ज़िले के कोट्टार सूबा के सेंट फ्रांसिस जेवियर कैथेड्रल में है।
  • चर्च का विचार है कि जातिगत मतभेदों के बावजूद सभी लोगों की समानता का उनका उपदेश अंततः उनकी शहादत का कारण बना।
  • ईसाई धर्म अपनाने का फैसला करने के बाद "बढ़ती कठिनाइयों को सहन करने" के लिये उन्हें पहली बार फरवरी 2020 में संत की उपाधि प्रदान करने के लिये मंज़ूरी दी गई थी।

धर्म का वर्गीकरण

  • परिचय:
    • दुनिया के प्राथमिक धर्म दो श्रेणियों में आते हैं:
      • अब्राहमिक धर्म: ईसाई धर्म, यहूदी धर्म और इस्लाम
      • भारतीय धर्म: हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, सिख धर्म और अन्य।
  • ईसाई धर्म:
    • दो अरब से भी अधिक अनुयायियों के साथ ईसाई धर्म सबसे बड़ा धर्म है।
    • ईसाई धर्म यीशु मसीह के जीवन और शिक्षाओं पर आधारित है और लगभग 2,000 वर्ष पुराना है।
    • ईसाई धर्म का सबसे बड़े समूह में रोमन कैथोलिक चर्च, इस्टर्न ऑर्थोडॉक्स चर्च और प्रोटेस्टेंट चर्च हैं, और इसका पवित्र ग्रंथ बाइबिल है।
    • सदियों से ईसाई धर्म के अनुयायियों की संख्या में वृद्धि हुई हैं क्योंकि यह अक्सर मिशनरियों और उपनिवेशवादियों के माध्यम से दुनिया भर में फैल गया।
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