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देवराय प्रथम और विजयनगर साम्राज्य

  • 04 Apr 2025
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

देवराय प्रथम के राज्याभिषेक से संबंधित 15वीं शताब्दी की दुर्लभ ताम्रपत्रों का बंगलूरू में अनावरण किया गया, जिसमें संगम राजवंश और विजयनगर साम्राज्य के बारे में महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक विवरण उपलब्ध हैं।

ताम्रपत्र की मुख्य विशेषताएँ:

  • शक 1328 (1406 ई.) की तिथि वाले, देवराय प्रथम (1406-1422) के शासनकाल के ये ताम्रपत्र संस्कृत, कन्नड़ और नागरी लिपियों में अंकित हैं, तथा इनमें विजयनगर साम्राज्य के पारंपरिक वराह प्रतीक के स्थान पर वामन मुद्रा अंकित है।
    • ताम्रपत्र में चंद्र, यदु, संगम और हरिहर और बुक्का सहित उनके पाँच पुत्रों से संगम राजवंश की वंशावली का भी पता लगाया गया है।
  • राजा देवराय प्रथम (हरिहर के पुत्र) के राज्याभिषेक के दौरान जारी किये गए ताम्रपत्र भी उनके राज्याभिषेक की पहले से असत्यापित तिथि की पुष्टि करते हैं। 
    • इसमें देवरायपुर-अग्रहार नामक भूमि अनुदान का भी उल्लेख है।
  • संगम राजवंश: इस राजवंश ने विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की और हम्पी को अपनी राजधानी बनाकर 1336 से 1485 ई. तक शासन किया।
    • देवराय प्रथम राजवंश के एक प्रमुख शासक थे, उनके अलावा हरिहर प्रथम, हरिहर द्वितीय और देवराय द्वितीय थे।
    • इतालवी यात्री निकोलो कोंटी ने देवराय प्रथम के दरबार में आया था।
  • विजयनगर साम्राज्य: हरिहर प्रथम और बुक्का राय प्रथम द्वारा स्थापित साम्राज्य (1336-1646) पर 4 राजवंशों - संगम, सलुव, तुलुव और अराविदु का शासन था ।
    • तालीकोटा के युद्ध (1565) में दक्कन सल्तनत द्वारा विजयनगर साम्राज्य की निर्णायक हार हुई, जिसके परिणामस्वरूप उसका पतन हो गया।

Vijayanagara_Empire

और पढ़ें: विजयनगर साम्राज्य के ताम्रपत्र की खोज, विजयनगर के राजा कृष्णदेवराय 

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