नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

एक्सोप्लैनेट वायुमंडल में बेरियम

  • 15 Oct 2022
  • 4 min read

हाल ही में एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पहली बार दो विशाल एक्सोप्लैनेट के ऊपरी वायुमंडल में बेरियम का पता लगाया है।

  • अल्ट्रा-हॉट जूपिटर गर्म गैसीय ग्रहों का एक वर्ग है जो बृहस्पति के आकार से मेल खाता है, लेकिन बृहस्पति के विपरीत उनकी छोटी कक्षीय अवधि होती है।

एक्सोप्लैनेट:

  • एक एक्सोप्लैनेट या एक्स्ट्रासोलर ग्रह सौरमंडल के बाहर स्थित एक ग्रह है। एक्सोप्लैनेट की पुष्टि पहली बार वर्ष 1992 में हुई थी।
  • अब तक 4,400 से अधिक एक्सोप्लैनेट की खोज की जा चुकी है।
  • एक्सोप्लैनेट को सीधे दूरबीन से देखना बहुत कठिन है। वे उन सितारों की अत्यधिक चमक से छिपे हुए हैं जिनकी वे परिक्रमा करते हैं। इसलिये खगोलविद एक्सोप्लैनेट का पता लगाने और उनका अध्ययन करने के लिये अन्य तरीकों का उपयोग करते हैं जैसे कि ग्रहों के उन सितारों पर पड़ने वाले प्रभावों को देखना जिनकी वे परिक्रमा करते हैं।

Exoplanet-types

अध्ययन के निष्कर्ष:

  • एक्सोप्लैनेट के दो अल्ट्रा-हॉट जूपिटर WASP-76b और WASP-121b हैं जो अपने मेज़बान तारों WASP 76 एवं WASP 121 की परिक्रमा करते हैं।
    • पहला एक्सोप्लैनेट पृथ्वी से लगभग 640 प्रकाश वर्ष तथा दूसरा लगभग 900 प्रकाश वर्ष दूर है।
    • WASP-76b और WASP-121b दोनों दो दिनों में एक कक्षा पूरी करते हैं।
    • इन निकायों में सतह का तापमान 1,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है। इन निकायों में उनके उच्च तापमान के कारण अनूठी विशेषताएँ पाई जाती हैं। उदाहरण के लिये, WASP-76b पर लौह वर्षा का अनुभव होता है।
  • बेरियम के अलावा WASP-76b के वातावरण में हाइड्रोजन, लिथियम, सोडियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, वैनेडियम, क्रोमियम, मैंगनीज़ और लोहा की मौज़ूदगी की भी पुष्टि हुई है।
  • WASP 121b में, उन्होंने लिथियम, सोडियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, वैनेडियम, क्रोमियम, मैंगनीज़, लोहा और निकल की उपस्थिति की पुष्टि की।
  • इसके अतिरिक्त टीम को कोबाल्ट और स्ट्रोंटियम जैसे तत्त्व के साथ साथ एक्सोप्लैनेट में टाइटेनियम के संकेत भी मिले।

बेरियम की विशेषताएँ:

  • विषय:
    • बेरियम, जो सीसे से थोड़ा सख्त होता है, काटने पर चाँदी जैसी सफेद चमक होती है।
    • हवा के संपर्क में आने पर यह आसानी से ऑक्सीकृत हो जाता है और भंडारण के दौरान ऑक्सीजन से इसकी सुरक्षा करनी चाहिये।
    • प्रकृति में यह हमेशा अन्य तत्त्वों के साथ संयुक्त रूप से पाया जाता है।
    • यह बहुत हल्का होता है और इसका घनत्व लोहे के घनत्व का आधा होता है।
  • उपयोग:
    • बेरियम का उपयोग अक्सर स्पार्क-प्लग इलेक्ट्रोड के लिये और वैक्यूम ट्यूबों में सुखाने तथा ऑक्सीजन हटाने वाले कारक के रूप में किया जाता है। साथ ही फ्लोरोसेंट लैंप प्रकाश के संपर्क में आने के बाद अशुद्ध बेरियम सल्फाइड फॉस्फोरेसेंस को हटाने के लिये किया जाता है।
    • इसके यौगिकों का उपयोग तेल और गैस उद्योगों में ड्रिलिंग मड बनाने के लिये किया जाता है। ड्रिलिंग मड, ड्रिल को स्नेहन/लुब्रिकेट करके चट्टानों में ड्रिलिंग को सरल बनाती है।
    • बेरियम यौगिकों का उपयोग पेंट, ईंट, टाइल, काँच और रबर बनाने के लिये भी किया जाता है।
    • बेरियम नाइट्रेट और क्लोरेट आतिशबाज़ी को हरा रंग प्रदान करते हैं।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow