वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग | 07 Jan 2025
स्रोत: पी.आई.बी
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग द्वारा 4 जनवरी 2025 को अपना 40वाँ स्थापना दिवस मनाया गया, जो भारत के वैज्ञानिक तथा औद्योगिक विकास में चार दशकों के योगदान का प्रतीक है।
- DSIR: इसकी स्थापना 4 जनवरी 1985 को भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियम, 1961 के 164वें संशोधन के अंतर्गत राष्ट्रपति की अधिसूचना के माध्यम से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन की गई थी।
- DSIR के तहत स्थानीय प्रौद्योगिकी विकास, उपयोग एवं हस्तांतरण को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है।
- DSIR द्वारा वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR), राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (NRDC) तथा सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (CEL) का विनियमन किया जाता है।
- DSIR, एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (UN-ESCAP) के अंतर्गत एशियाई और प्रशांत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण केंद्र (APCTT) को सहायता प्रदान करता है, जिससे भारत में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक प्रगति को बढ़ावा मिलता है।
- DSIR की प्रमुख योजनाएँ:
- PRISM: व्यक्तियों, स्टार्ट-अप्स तथा MSME में नवाचारों को प्रोत्साहन (PRISM) योजना, 12 वीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017) में उल्लिखित समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाले नवप्रवर्तकों तथा MSME का समर्थन करने पर केंद्रित है।
- PACE: पेटेंट अधिग्रहण एवं सहयोगात्मक अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकी विकास (पेस), नवीन प्रौद्योगिकियों के विकास एवं व्यावसायीकरण में उद्योगों को सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है।
- CTRDH: सामान्य अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास केंद्र (CTRDH) MSME के लिये साझा बुनियादी ढाँचा और प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है।
- A2K+: प्रौद्योगिकी विकास एवं प्रसार हेतु ज्ञान तक पहुँच (A2K+) ,उद्योगों तथा अनुसंधान निकायों को तकनीक एवं नवाचार संबंधी जानकारी के प्रसार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।