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डेंगू की पूर्व चेतावनी प्रणाली

  • 24 Jan 2025
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे द्वारा किये गए एक अध्ययन में यह पता लगाया गया है कि जलवायु परिवर्तन डेंगू के प्रकोप को किस प्रकार प्रभावित करता है और इस क्रम में संभावित प्रकोप की भविष्यवाणी करने के लिये एक पूर्व चेतावनी प्रणाली का प्रस्ताव दिया गया है।

  • डेंगू पर जलवायु का प्रभाव: अध्ययन से पता चलता है कि मानसून के दौरान उतार-चढ़ाव वाली वर्षा और 60-78% के बीच आर्द्रता के स्तर से डेंगू के मामले बढ़ जाते हैं जबकि 150 मिमी से अधिक वर्षा से मच्छरों का प्रसार कम हो जाता है।
    • बढ़ते तापमान के कारण वर्ष 2050 तक भारत में डेंगू से संबंधित मौतों में 40% तक की वृद्धि हो सकती है।
  • डेंगू की पूर्व चेतावनी प्रणाली: यह प्रणाली तापमान, वर्षा और आर्द्रता जैसे जलवायु कारकों का विश्लेषण करके दो महीने पहले ही डेंगू के प्रकोप की भविष्यवाणी करने पर केंद्रित है। 
  • डेंगू: यह एक मच्छर जनित रोग है जो डेंगू वायरस (जीनस फ्लेविवायरस) के कारण होता है, जो मुख्य रूप से एडीज़ एजिप्टी मच्छरों द्वारा फैलता है। 
    • इसके चार सीरोटाइप हैं (DEN-1, DEN-2, DEN-3, DEN-4)। इसके लक्षणों में तेज़ बुखार, तेज़ सिरदर्द, आँखों और जोड़ों तथा मांसपेशियों में तेज़ दर्द शामिल हैं। 
    • इसका पता रक्त परीक्षण के माध्यम से लगाया जाता है लेकिन डेंगू का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है।

Dengue

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