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नगालैंड के सीमांत क्षेत्र की मांग

  • 20 Jan 2025
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

गृह मंत्रालय (MHA) ने ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइज़ेशन (ENPO) द्वारा प्रस्तावित फ्रंटियर नगालैंड क्षेत्र (Frontier Nagaland Territory- FNT) में स्वायत्तता की मांग पर सहमति व्यक्त की है।

नगालैंड का सीमांत क्षेत्र (FNT)

  • परिचय: 
    • FNT एक प्रस्तावित प्रशासनिक क्षेत्र है जिसकी मांग ENPO द्वारा नगालैंड के 6 पूर्वी ज़िलों- किफिर, लोंगलेंग, मोन, नोकलाक, शामटोर और तुएनसांग में विकासात्मक असंतुलन का समाधान करने के उद्देश्य से की गई थी।
  • उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य बेहतर प्रशासन और "विकास असंतुलन" का समाधान करने हेतु केंद्रित संसाधन आवंटन को संभव बनाते हुए उक्त ज़िलों को कार्यकारी, विधायी और वित्तीय स्वायत्तता प्रदान करना है।
  • महत्त्व:
    • इन ज़िलों में 7 नगा जनजातियाँ (कोन्याक, खियामनियुंगन, चांग, संगतम, तिखिर, फोम और यिमखिउंग) पाई जाती हैं जो नगालैंड की कुल जनसंख्या का 30% हैं और कुल 60 विधानसभा सीटों में से 20 सीटें यहाँ से हैं
  • पृष्ठभूमि:
    • पूर्वी नगालैंड के लिये एक अलग राज्य की मांग वर्ष 2010 से शुरू हुई थी, जिसका नेतृत्व ENPO ने संबद्ध क्षेत्र में विकास संबंधी गंभीर अभाव का हवाला देते हुए किया था।

नगालैंड:

  • 1947 में स्वतंत्रता पश्चात् भी नगा क्षेत्र असम का हिस्सा बना रहा। इसे 1 दिसंबर 1963 को नगालैंड राज्य अधिनियम, 1962 के तहत एक राज्य के रूप में मान्यता दी गई।

और पढ़ें: नगालैंड राज्य दिवस

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