भारतीय हीरा निर्यात में गिरावट | 08 Mar 2024
स्रोत: द हिंदू
भारत के हीरे निर्यात में भारी गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है। अनुमानों के अनुसार, वर्ष 2023-24 में इसके घटकर 5 वर्ष के निचले स्तर लगभग 15-16 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर आने की संभावना है।
- इस निराशाजनक स्थिति का कारण अमेरिका और चीन जैसे प्रमुख बाज़ारों द्वारा मांग में कमी है, जिनकी सामूहिक रूप से भारत के हीरे के निर्यात में लगभग 65% की हिस्सेदारी होती है।
- इस निर्यात मंदी के प्रमुख कारणों में वैकल्पिक खर्च विकल्पों का उद्भव, प्रयोगशाला में निर्मित हीरों की बढ़ती लोकप्रियता एवं भू-राजनीतिक तनाव आदि हैं।
- प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले हीरों के विपरीत, प्रयोगशाला में निर्मित हीरों का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। हालाँकि दोनों की रासायनिक संरचना एवं अन्य भौतिक व ऑप्टिकल गुण काफी समान हैं।
- प्रमुख हीरा उत्पादक देश: रूस, बोत्सवाना, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य।
- भारत में सूरत को डायमंड सिटी के नाम से जाना जाता है। इस शहर का बहुमूल्य रत्नों के प्रसंस्करण में अग्रणी स्थान है, विश्व के लगभग 90% कच्चे हीरे इसी शहर में काटे और पॉलिश किये जाते हैं।