रैपिड फायर
साइबर कमांडो
- 16 Sep 2024
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स्रोत: HT
हाल ही में केंद्र सरकार ने अगले पाँच वर्षों में 5,000 'साइबर कमांडो' को प्रशिक्षित करने और तैयार करने की योजना की घोषणा की है।
- यह घोषणा इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के पहले स्थापना दिवस समारोह के दौरान की गई। I4C साइबर अपराध से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिये एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र है।
- इन साइबर कमांडो को IT अवसंरचना सुरक्षा , डिजिटल फोरेंसिक और इंसिडेंट रेस्पोंसे में प्रशिक्षित किया जाएगा ।
- साइबर कमांडो के साथ अन्य लॉन्च:
- केंद्रीकृत संदिग्ध रजिस्ट्री: यह संदिग्ध बैंक खातों और उनसे जुड़े व्यक्तियों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस है। यह बैंकों, वित्तीय संस्थानों तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिये सुरक्षित रूप से सुलभ होगा।
- समन्वय प्लेटफॉर्म: यह पूरे देश में कानून प्रवर्तन निदेशालय (LEA) के लिये साइबर क्राइम, डेटा साझाकरण, अपराध की पहचान, विश्लेषण और सहयोग हेतु वन-स्टॉप डेटा भंडार है।
- साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र (CFMC): यह बड़े वित्तीय लेनदेन से जुड़े उच्च प्राथमिकता वाले साइबर अपराध मामलों की निगरानी के लिये एक "वॉर रूम" के रूप में कार्य करता है।
- साइबर अपराध सांख्यिकी 2023: वर्ष 2023 में I4C के एक प्रमुख घटक, सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (CFCFMS) पर पूरे भारत में कुल 1,128,256 साइबर अपराध की घटनाओं की सूचना दी गई।
- उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 1,97,547 शिकायतें दर्ज की गईं, जबकि महाराष्ट्र में सबसे अधिक 9.9 अरब रुपए की धोखाधड़ी की सूचना मिली।
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