क्रीमियन- कांगो हीमोरेजिक फीवर | 19 Jul 2023
जैसा कि यूरोप में हीटवेव और वनाग्नि का अनुभव हो रहा है, आमतौर पर गर्म जलवायु से जुड़े वायरस के प्रसार के विषय में चिंताएँ बढ़ रही हैं। टिक्स (Ticks) से फैलने वाले संक्रमण क्रीमियन-कांगो हीमोरेजिक फीवर (CCHF) के बारे में अलर्ट जारी किया गया है।
CCHF:
- परिचय:
- CCHF एक वायरल हीमोरेजिक फीवर है जो टिक्स और विषैले जानवरों के ऊतकों के संपर्क से फैलता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यह महामारी की संभावना, उच्च मामले मृत्यु अनुपात (10-40%) और रोकथाम तथा उपचार में कठिनाई के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये खतरा पैदा करती है।
- CCHF लक्षण और उपचार:
- लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना, सिरदर्द, पेट में दर्द और मनोस्थिति में बदलाव शामिल हैं।
- हालाँकि कोई टीका या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है तथा उपचार मुख्य रूप से लक्षण प्रबंधन पर केंद्रित है।
- एंटीवायरल दवा रिबाविरिन का CCHF संक्रमण के उपचार में संभावित लाभ देखा गया है।
- प्रसार:
- CCHF वायरस मुख्य रूप से किलनी या टिक के काटने के दौरान तथा संक्रमित पशु के रक्त या ऊतकों के संपर्क से फैलता है।
- मानव-से-मानव संचरण, संक्रमित व्यक्तियों के निकट संपर्क या चिकित्सा उपकरणों की अनुचित सफाई के माध्यम से हो सकता है।
- CCHF की रोकथाम और नियंत्रण:
- किलनी-पशु-किलनी चक्र तथा व्यापक टिक वैक्टर के कारण पशुओं में CCHF को नियंत्रित करना मुश्किल है।
- यह सुनिश्चित करने के लिये उपाय किये जा सकते हैं कि पशु वध से पहले एक संगरोधक स्टेशन में 14 दिनों तक पशु को किलनी-मुक्त(tick-free) रखा जाए।
- पशुओं में उपयोग के लिये कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं।
- लोगों में संक्रमण को कम करने का एकमात्र तरीका जोखिम कारकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना तथा उन उपायों के बारे में शिक्षित करना है जो वायरस के जोखिम को कम करने के लिये उठाए जा सकते हैं।
- कपड़ों पर टिक का आसानी से पता लगाने के लिये सुरक्षित कपड़े (लंबी आस्तीन, लंबी पतलून) और हल्के रंग के कपड़े पहनना चाहिये।
- CCHF संक्रमित लोगों के साथ निकट शारीरिक संपर्क से बचें।
- बीमार लोगों की देखभाल करते समय दस्ताने और सुरक्षात्मक उपकरण पहनें।
- CCHF का प्रसार:
- प्रारंभ में अफ्रीका, बाल्कन देशों, मध्य पूर्व और एशिया के कुछ हिस्सों में स्थानिक, CCHF यूरोप में उत्तर और पश्चिम की ओर फैल रहा है।
- स्पेन, रूस, तुर्की और ब्रिटेन में रिपोर्ट किये गए मामले सामने आए हैं।
- जलवायु परिवर्तन और रोग का प्रसार:
- जलवायु परिवर्तन नए क्षेत्रों में रोगजनकों के विस्तार में भूमिका निभाता है।
- गर्म तापमान और परिवर्तित आवास टिक और अन्य कीड़ों को पहले से अनुपयुक्त क्षेत्रों में पनपने की अनुमति देते हैं।
- जल आवासों में परिवर्तन और जानवरों के प्रवासन पैटर्न से बीमारी फैलने में योगदान देते हैं।