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प्रारंभिक परीक्षा

सर आइजैक न्यूटन का योगदान

  • 26 Dec 2024
  • 9 min read

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों? 

25 दिसंबर 1642 को जन्मे सर आइजैक न्यूटन इतिहास के सबसे प्रभावशाली वैज्ञानिकों में से एक हैं। उनकी 382वीं जयंती पर, विज्ञान के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान पर विचार करना महत्त्वपूर्ण है, जो आज भी विश्व की समझ को आकार दे रहा है।

Isaac_Newton

आइजैक न्यूटन कौन थे?

  • प्रारंभिक जीवन: आइजैक न्यूटन का जन्म इंग्लैंड के वूल्सथॉर्प में हुआ था। उन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज में शिक्षा प्राप्त की, जहाँ उनकी गणित, प्रकाशिकी, भौतिकी और खगोल विज्ञान में रुचि विकसित हुई। 
    • स्नातक होने के बाद, वह कैम्ब्रिज में प्रोफेसर बन गए और बाद में गणित के प्रतिष्ठित दूसरे लुकासियन चेयर पर आसीन हुए।
      • कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में किंग चार्ल्स द्वितीय द्वारा वर्ष 1664 में स्थापित गणित की लुकासियन चेयर, विश्व के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक पदों में से एक है।
    • वर्ष 1705 में, रानी ऐनी (ग्रेट ब्रिटेन की रानी) ने आइजैक न्यूटन को "सर" की उपाधि देते हुए नाइट से सम्मानित किया।

न्यूटन का योगदान:

 गति के नियम: 

  • प्रथम नियम (जड़त्व): जब तक किसी वस्तु पर बाह्य बल नहीं लगाया जाता तब तक वह स्थिर या एकसमान गति में रहती है।
    • यह सिद्धांत आधुनिक भौतिकी में आधारभूत है, जो कार दुर्घटनाओं से लेकर अंतरिक्ष में उपग्रह की गति तक सब कुछ समझाता है।
  • दूसरा नियम (बल और त्वरण): न्यूटन ने स्थापित किया कि किसी वस्तु पर लगने वाला बल उसके द्रव्यमान तथा त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है (F=ma)।
    • इस सिद्धांत का प्रयोग इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस और वाहन डिजाइन में संरचनाओं और मशीनों को बलों का सामना करने में सहायता करने के लिये किया जाता है।
  • तृतीय नियम (क्रिया और प्रतिक्रिया): प्रत्येक क्रिया के बराबर एवं विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
    • यह नियम रॉकेट प्रणोदन और चलने जैसी रोजमर्रा की गतिविधियों का आधार है।

गुरुत्वाकर्षण (g) और गुरुत्वाकर्षण (G): 

  • गुरुत्वाकर्षण: सर आइजैक न्यूटन ने 1660 के दशक के अंत में  गुरुत्वाकर्षण के अस्तित्व की खोज की थी।
    • गुरुत्वाकर्षण वह बल है जिसके द्वारा कोई ग्रह या अन्य पिंड वस्तुओं को अपने केंद्र की ओर खींचता है।
  • गुरुत्वाकर्षण का सार्वभौमिक नियम: न्यूटन ने पहचाना कि दो वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती होता है और उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है, जिसका अर्थ है कि जैसे-जैसे वस्तुएँ एक-दूसरे से दूर होती जाती हैं, गुरुत्वाकर्षण कमज़ोर होता जाता है।
    • उनके कार्य ने ग्रहों की गति और ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाली शक्तियों की समझ में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया।
    • यह नियम ग्रहों की गति की व्याख्या करता है तथा उपग्रहों की कक्षाओं और अंतरिक्ष अन्वेषण के लिये महत्त्वपूर्ण है।
  • प्रकाशिकी: प्रकाश की प्रकृति पर उनके शोध से यह खोज हुई कि श्वेत प्रकाश विभिन्न रंगों का संयोजन है, जिसे उन्होंने प्रिज्म (त्रि-आयामी ठोस वस्तु) का उपयोग करके प्रदर्शित किया।
  • परावर्तक दूरबीन: लेंस का उपयोग करने वाली दूरबीनों में रंगीन विपथन (रंग विरूपण) की समस्या को हल करने के लिये, आइजैक न्यूटन ने वर्ष 1668 में परावर्तक दूरबीन का निर्माण किया।
  • प्राथमिक लेंस के स्थान पर दर्पण लगाकर, वह रंगीन विपथन को समाप्त करने और छवि की स्पष्टता में वृद्धि करने में सक्षम हो गये। 
  • गणित: एक गणितज्ञ के रूप में, न्यूटन को गाटफ्रीड विलहेल्म लाइबनिज के साथ मिलकर कैलकुलस विकसित करने का श्रेय दिया जाता है, यह एक ऐसा उपकरण था जिसका विज्ञान और इंजीनियरिंग पर महत्वपूर्ण प्रभाव है।
  • उल्लेखनीय कार्य: वर्ष 1687 में आइज़क न्यूटन द्वारा प्रकाशित ‘फिलासफी नेचुरलिस प्रिंसिपिया मैथमैटिका’, जिसे प्रिंसिपिया के नाम से भी जाना जाता है, ने याँत्रिकी (वस्तुओं और बलों की गति का अध्ययन) की खोज की।
  • न्यूटन ने कीमिया/एल्केमी (आधारभूत धातुओं को सोने में बदलने के अध्ययन से संबंधित) पर दशकों तक अध्ययन किया, हालाँकि वह असफल रहे, लेकिन उनके कीमिया संबंधी कार्य ने रसायन विज्ञान और भौतिकी को मिलाकर पदार्थ और प्रकाशिकी की उनकी समझ को प्रभावित किया।
  • पुरस्कार: आइज़क न्यूटन पदक और पुरस्कार, भौतिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देने के लिये, यूके और आयरलैंड में भौतिकी के लिये एक सोसायटी, इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स (IOP) द्वारा दिया जाने वाला एक वार्षिक पुरस्कार है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. प्रकृति के ज्ञात बलों को चार वर्गों में विभाजित किया जा सकता है, अर्थात् गुरुत्वाकर्षण, विद्युत चुंबकत्व, दुर्बल नाभिकीय बल और प्रबल नाभिकीय बल। उनके संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है? (2013)

(a) गुरूत्व, चारों में सबसे प्रबल है
(b) विद्युत चुंबकत्व  सिर्फ विद्युत आवेश वाले कणों पर क्रिया करता है
(c) दुर्बल नाभिकीय बल रेडियोधर्मिता का कारण है
(d) प्रबल नाभिकीय बल परमाणु के केंद्रक में प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों को धारित किये रखता है

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • गुरुत्वाकर्षण बल: न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार, ब्रह्मांड में प्रत्येक कण प्रत्येक दूसरे कण को ​​एक बल से आकर्षित करता है जो उनके द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह चारों प्राकृतिक बलों में सबसे कमज़ोर बल है। 
  • विद्युत चुम्बकीय बल: यह वह बल आवेशित कणों के बीच कार्य करता है तथा यह सभी विद्युत एवं चुंबकीय बलों का संयोजन है। यह आकर्षक या प्रतिकर्षक हो सकता है। इसकी प्रभावशीलता कणों के बीच की दूरी के व्युत्क्रम वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है। यह विद्युत आवेश वाले कणों पर कार्य करता है। 
  • नाभिकीय बल: यह प्रकृति में एक आकर्षक बल है तथा यह परमाणु के नाभिक में स्थित प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों के बीच लगने वाला बल नाभिकीय बल है। न्यूक्लिऑन के बीच की दूरी बढ़ने पर बल कम जबकि दूरी कम होने पर यह बढ़ जाता है। यह दो प्रकार का होता है: 
    • प्रबल नाभिकीय बल: यह वह बल है जो नाभिक के अंदर न्यूक्लिऑन को रोके रखता है अर्थात् यह परमाणु के नाभिक के अंदर प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को रोके रखता है। 
    • दुर्बल नाभिकीय बल: यह उप-परमाण्विक कणों के बीच अन्तः क्रिया बल है, जो परमाणुओं के रेडियोधर्मी क्षय के लिये ज़िम्मेदार है। 

अतः विकल्प (A) सही है।

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