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वैश्विक खुफिया प्रमुखों का सम्मेलन

  • 06 Mar 2023
  • 4 min read

भारत ने 1 मार्च को विश्व भर के 26 देशों के खुफिया और सुरक्षा प्रमुखों के दूसरे सम्मेलन का आयोजन किया।

  • रायसीना डायलॉग की शुरुआत से एक दिन पहले अप्रैल 2022 में पहली बार सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसे भारत के प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने संबोधित किया।

सम्मेलन के मुख्य आकर्षण:

  • परिचय: सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन, रायसीना डायलॉग के एक भाग के रूप में देश की बाहरी खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) एवं राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) द्वारा किया जाता है जो NSA को रिपोर्ट करता है।
  • उद्देश्य: वर्तमान में चल रहे भू-राजनीतिक तनावों पर चर्चा करने के लिये प्रतिभागियों को इस संकट और अन्य भू-राजनीतिक तनावों को दूर करने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान किया गया। हालाँकि यह बैठक रूस-यूक्रेन संघर्ष पर केंद्रित थी।
  • बैठक की प्रकृति: यह म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन और सिंगापुर के शांगरी-ला डायलॉग (Shangri-La Dialogue) की तर्ज पर तैयार की गई है।
    • यह G20 विदेश मंत्रियों की बैठक और रायसीना संवाद के साथ आयोजित हुमई थी। भारत G20 और शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation -SCO) दोनों की अध्यक्षता करता है।
    • इस बैठक में संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर बहरीन, यूनाइटेड किंगडम, फ्राँस और जापान के सुरक्षा प्रमुख उपस्थित हुए थे।

रायसीना संवाद क्या है?

  • रायसीना संवाद, भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर आधारित भारत का प्रमुख सम्मेलन है जो वैश्विक समुदाय के सामने सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिये प्रतिबद्ध है।
    • भारत सरकार, ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन और विदेश मंत्रालय संयुक्त रूप से इस सम्मेलन का आयोजन करते हैं।
  • वर्ष 2023 में इसकी थीम, "उत्तेजना, अनिश्चितता, अशांति: तूफान में प्रकाश स्तंभ" का उद्देश्य दुनिया की वर्तमान स्थिति को चित्रित करना है।
  • यह संवाद एक बहु-हितधारक, क्रॉस-सेक्टोरल चर्चा के रूप में संरचित है, जिसमें राज्य के प्रमुख कैबिनेट मंत्री और स्थानीय व्यापारी प्रतिनिधि, मीडिया तथा शिक्षाविद विचारकों के रूप में भाग लेते हैं।

ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन:

  • यह नई दिल्ली स्थित एक स्वतंत्र थिंक टैंक है जिसके तीन केंद्र मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में स्थित हैं।
  • यह निष्पक्ष और न्यायसंगत दुनिया में एक शक्तिशाली एवं समृद्ध भारत के निर्माण की दिशा में नीतिगत सोच का मार्गदर्शन तथा सहायता करते हुए भारत के विकल्पों को पहचानने और सूचित करने में मदद करता है। यह उन स्थानों पर भारतीय दृष्टिकोण को व्यक्त करता है जो अंतर्राष्ट्रीय मंचों को आकार देते हैं।
  • यह दुनिया भर में सरकारों, व्यापार, शिक्षा और नागरिक समाज में निर्णयकर्त्ताओं के लिये गैर-पक्षपातपूर्ण, स्वतंत्र, अच्छी तरह से शोध किये गए विश्लेषण और इनपुट प्रदान करता है।

स्रोत: द हिंदू

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