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सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन

  • 10 Jan 2022
  • 3 min read

हाल ही में कज़ाखस्तान के राष्ट्रपति ने सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) से देश में चल रहे विरोध प्रदर्शनों को प्रबंधित करने में मदद का आह्वान किया।

प्रमुख बिंदु 

  • परिचय:
    • यह एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन (छह देशों का) है जो 2002 में लागू हुआ था।
    • 1991 में एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के बाद से मध्य एशियाई देश पर शासन करने वाले शासकों के अस्तित्व को खतरे में डालने वाले विरोधों पर अंकुश लगाने के लिये इसने कज़ाखस्तान को प्रभावित करना शुरू कर दिया।
  • इतिहास:
    • वर्ष 1992 में सोवियत संघ के बाद के छह राज्यों ने स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल से संबंधित - रूस, आर्मेनिया, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान ने सामूहिक सुरक्षा संधि पर हस्ताक्षर किये थे।
    • इसे "ताशकंद पैक्ट" या "ताशकंद संधि" के रूप में भी जाना जाता है।
    • सोवियत संघ के बाद के तीन अन्य राज्यों- अज़रबैजान, बेलारूस और जॉर्जिया ने अगले वर्ष हस्ताक्षर किये पर संधि 1994 में प्रभावी हुई।
    • पाँच साल बाद, नौ में से अज़रबैजान, जॉर्जिया और उज़्बेकिस्तान को छोड़कर बाकी सभी राज्यों ने इस संधि को पांँच और वर्षों के लिये नवीनीकृत करने पर सहमति व्यक्त की तथा वर्ष 2002 में उन छह राज्यों ने सीएसटीओ (CSTO) को एक सैन्य गठबंधन के रूप में बनाने पर सहमति व्यक्त की।
  • मुख्यालय:
    • इसका मुख्यालय रूस की राजधानी मास्को में स्थित है।
  • सदस्य:
    • वर्तमान में आर्मेनिया, बेलारूस, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान, रूसी संघ और ताजिकिस्तान इसके सदस्य हैं।
  • उद्देश्य:
    • साइबर सुरक्षा और स्थिरता सहित शांति, अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा को मज़बूत करना, स्वतंत्रता की सुरक्षा, सदस्य देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस

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