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कॉग्निटिव टेस्ट

  • 10 Jul 2024
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

अमेरिकी राष्ट्रपति को राष्ट्रपति पद के लिये उनकी उपयुक्तता अथवा स्वस्थता पर चिंताओं को लेकर उनका कॉग्निटिव टेस्ट (व्यक्ति का संज्ञानात्मक परीक्षण) कराने का आह्वान किया जा रहा है।

  • कॉग्निटिव टेस्ट मनुष्य के मानसिक प्रकार्य और मस्तिष्क द्वारा विचारों को संसाधित करने का मूल्यांकन करता है। इस प्रक्रिया में संबंधित व्यक्ति से सरल प्रश्न पूछे जाते हैं और सरल कार्य करवाकर उसका परीक्षण किया जाता है।
    • संज्ञान मस्तिष्क की वह क्षमता है जो आपकी इंद्रियों से प्राप्त सभी सूचनाओं को संसाधित करती है।
  • यह संज्ञानात्मक कमियों, उनके कारणों और मस्तिष्क के प्रभावित भागों की पहचान करता है।
    • परीक्षण के परिणामों के आधार पर मनुष्य के संज्ञानात्मक हानि (Cognitive Impairment), डिमेंशिया (मनोभ्रंश) या सूडो डिमेंशिया का निदान किया जाता है, जिससे व्यक्ति के व्यवहार और संज्ञान में सुधार आता है।
  • यह उन लोगों के लिये अनुशंसित है जो स्मृति ह्रास, स्मृतिभ्रंश (Memory Loss) या भूलने की बीमारी, ध्यान केंद्रित करने या निर्णय लेने में कठिनाई का अनुभव करते हैं।

सामान्य संज्ञानात्मक स्क्रीनिंग टेस्ट:

  • मॉन्ट्रियल कॉग्निटिव असेसमेंट (MoCA) में शब्दों को याद रखना, वस्तुओं का नाम बताना और आकृतियों को देखकर उनकी प्रति बनाना जैसे कार्य शामिल हैं।
  • मिनी-मेंटल स्टेट परीक्षा (MMSE) में उल्टी गिनती करना, वस्तुओं की पहचान करना और तारीख बताना शामिल है।
  • मिनी-कॉग में शब्दों को याद रखना, घड़ी बनाना और उसमें घंटे के बिंदुओं का अंकन करना शामिल है।

और पढ़ें: संज्ञानात्मक विसंगति

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