प्रारंभिक परीक्षा
हैज़ा
- 03 Feb 2023
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अफ्रीकी देश हैज़ा रोग के टीके की कमी का सामना कर रहे हैं जिससे हैज़ा के मामलों में वृद्धि के कारण इस क्षेत्र में रोग के प्रकोप का खतरा बढ़ रहा है।
- वर्ष 2023 की शुरुआत से पाँच अफ्रीकी देशों में 687 मौतों सहित हैज़ा के 27,300 नए मामले सामने आए हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनिया भर में हैज़ा महामारी का प्रकोप बढ़ सकता है, क्योंकि बीमारी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया गर्म जल में अधिक तेज़ी से प्रजनन कर सकते हैं।
हैज़ा:
- परिचय:
- यह एक जानलेवा संक्रामक रोग तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये खतरा है।
- हैज़ा एक तीव्र, अतिसार की बीमारी है जो विब्रियो कोलेरी जीवाणु से आँत के संक्रमण के कारण होती है।
- संक्रमण अक्सर हल्का या लक्षणों के बिना होता है, हालाँकि कभी-कभी गंभीर हो सकता है।
- लक्षण:
- डायरिया
- उल्टी
- मांशपेशियों में ऐंठन
- संक्रमण:
- दूषित जल पीने या दूषित भोजन खाने से व्यक्ति को हैज़ा हो सकता है।
- सीवेज़ और पीने के जल के अपर्याप्त उपचार वाले क्षेत्रों में रोग तेज़ी से फैल सकता है।
- वैक्सीन:
- वर्तमान में तीन WHO प्री-क्वालिफाइड ओरल हैज़ा वैक्सीन (OCV), डुकोरल, शांचोल और यूविचोल-प्लस हैं।
- रिग से पूर्ण सुरक्षा के लिये तीनों वैक्सीन की दो खुराक की आवश्यकता होती है।
हैज़ा रोग पर अंकुश लगाने हेतु पहल:
- हैज़ा नियंत्रण पर एक वैश्विक रणनीति, एंडिंग हैज़ा: इसे वर्ष 2030 तक के वैश्विक रोडमैप के साथ हैज़ा महामारी से होने वाली मौतों को 90% तक कम करने के लक्ष्य के साथ वर्ष 2017 में लॉन्च किया गया था।
- हैज़ा नियंत्रण के लिये ग्लोबल टास्क फोर्स (Global Task Force for Cholera Control- GTFCC): WHO ने हैज़ा उन्मूलन में WHO के कार्यों को मज़बूती प्रदान करने के लिये हैज़ा नियंत्रण हेतु ग्लोबल टास्क फोर्स (GTFCC) का पुनरोद्धार किया।
- GTFCC का उद्देश्य हैज़ा नियंत्रण के लिये साक्ष्य-आधारित रणनीतियों के कार्यान्वयन में वृद्धि लाने हेतु सहयोग करना है।